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IIT Mandi : मनुष्य के शरीर के ताप से चार्ज होंगे इलेक्ट्रानिक्स उपकरण, आईआईटी मंडी में हुआ शोध

अगर आप कहीं घूमने जा रहे हैं या रोज कार्यालय जाते हैं तो आपको मोबाइल फोन ईयरफोन लैपटाप पेडोमीटर एयरपाडस इत्यादि उपकरणों को चार्ज करने की चिंता नहीं रहेगी। न ही आपको इनके चार्जर या पावर बैंक साथ रखने की आवश्यकता होगी। इस तरह के कम बिजली खपत वाले इलेक्ट्रानिक्स उपकरण आपके शरीर के ताप (ऊर्जा) से ही चार्ज हो सकेंगे।

By Hansraj Saini Edited By: Yogesh Sahu Updated: Sun, 11 Feb 2024 07:55 PM (IST)
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IIT Mandi : मनुष्य के शरीर के ताप से चार्ज होंगे इलेक्ट्रानिक्स उपकरण, आईआईटी मंडी में हुआ शोध
हंसराज सैनी, मंडी। अगर आप कहीं घूमने जा रहे हैं या रोज कार्यालय जाते हैं तो आपको मोबाइल फोन, ईयरफोन, लैपटाप, पेडोमीटर, एयरपाडस इत्यादि उपकरणों को चार्ज करने की चिंता नहीं रहेगी। न ही आपको इनके चार्जर या पावर बैंक साथ रखने की आवश्यकता होगी।

इस तरह के कम बिजली खपत वाले इलेक्ट्रानिक्स उपकरण आपके शरीर के ताप (ऊर्जा) से ही चार्ज हो सकेंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के स्कूल आफ फिजिकल साइंस के शोधार्थियों ने एसोसिएट प्रो. अजय सोनी की अगुआई में थर्मोइलेक्ट्रिक माड्यूल विकसित किया है। मानव स्पर्श से ही यह उपकरण चार्ज होना शुरू हो जाएगा। उससे फिर किसी भी इलेक्ट्रानिक्स गैजेट की बैटरी को चार्ज किया जा सकता है।

यह शोध जर्मन केमिकल सोसायटी के जर्नल एंजवेंटे केमी (एप्लाइड केमिस्ट्री) में प्रकाशित हुआ है। थर्मोइलेक्ट्रिक माड्यूल की कीमत 200 से 500 रुपये के बीच होगी। मनुष्य को इसे मात्र अपनी कलाई पर घड़ी के पट्टे की तरह पहनना होगा। बड़ी बात यह है कि उपकरण को चार्ज होने के लिए मनुष्य के शरीर की ऊर्जा के अलावा अन्य किसी साधन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

थर्मोइलेक्ट्रिक माड्यूल से इलेक्ट्रानिक्स गैजेट को चार्ज करने के लिए किसी प्रकार की तार की आवश्यकता नहीं होगी। गैजेट में एक छोटा सा उपकरण लगेगा। गैजेट हाथ में पकड़ने, गोद व जेब में रखने पर थर्मोइलेक्ट्रिक माड्यूल से चार्ज किए जा सकेंगे।

सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर से बनाया माड्यूल

आइआइटी मंडी के शोधार्थियों ने सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर से थर्मोइलेक्ट्रिक माड्यूल तैयार किया है। पालीविनाइलिडीन फ्लोराइड झिल्ली पर सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर युक्त लचीला थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरण मानव स्पर्श पर एक महत्वपूर्ण आउटपुट वोल्टेज देना शुरू करता है।

पालीविनाइलिडीन फ्लोराइड झिल्ली का प्रयोग थर्मल स्थिरता, रासायनिक प्रतिरोध और उत्कृष्ट यांत्रिक शक्ति में होता है। सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर मनुष्य के शरीर से निकली वाली ऊर्जा यानी गर्मी को बिजली में परिवर्तित करने का काम करेगा। इस तकनीक से बिजली की बचत भी होगी।

लोगों को पावर बैंक खरीदने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे। न ही चार्जर व पावर बैंक का बोझ उठाना पड़ेगा। इलेक्ट्रानिक्स गैजेट की बैटरी समाप्त होने के भय से भी मुक्ति मिलेगी।

कम बिजली खपत वाले लचीले इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों को चार्ज करना अब समस्या नहीं रहेगा। यह उपकरण मनुष्य के शरीर की ऊर्जा से चार्ज होंगे। इसके लिए थर्मोइलेक्ट्रिक माड्यूल विकसित किया है। -अजय सोनी, एसोसिएट प्रोफेसर स्कूल आफ फिजिकल साइंस आइआइटी मंडी।

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