IIT मंडी के शोधकर्ताओं ने किया कमाल, बना डाला ऐसा रोबोट जो अस्पताल के ओटी से युद्ध के मैदान तक करेगा सब काम
IIT मंडी ने कमाल कर दिखाया है। यहां के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा स्मार्ट रोबोटिक असिस्टेंट (Smart Robotic Assistant) तैयार कर दिया है जो अस्पताल हो या ऑफिस या हो युद्ध का मैदान सभी जगह बढ़िया काम करेगा। ये रोबोट एक साथी के रूप में काम करेगा और तो और रोबोट को प्रशिक्षित करने के लिए ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी होगी।
हंसराज सैनी, मंडी। अस्पताल के सामान्य वार्ड में मरीजों तक दवा, सिरप या अन्य सामग्री पहुंचाना हो फिर घर और कार्यालय में आए मेहमान को चाय, खाना परोसना हो। नर्स और श्रमिकों के अभाव में अब आपको ज्यादा चिंता नहीं करनी होगी।
मरीज को समय पर सही दवा और अन्य सामग्री मिलेगी। मेहमानों को पानी, चाय और खाना भी सलीके से परोसा जाएगा। आपको यह सब काम आइआइटी मंडी द्वारा विकसित स्मार्ट रोबोटिक असिस्टेंट करके देगा। रोबोट को प्रशिक्षित करने के लिए ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी होगी। जैसा आप सिखाएंगे और बताएंगे, रोबोट वैसा ही काम करेगा।
वर्तमान में बाजार में उपलब्ध रोबोट केवल मनुष्यों से अलग संरचित वातावरण में ही कुशलतापूर्वक काम कर सकते हैं। पूर्वनिर्धारित कार्यों की एक छोटी संख्या तक सीमित हैं। इसके बाद कार्य को एक मानव विशेषज्ञ द्वारा हार्ड कोड किया जाता है। इससे रोबोट अभी भी अपने कौशल को नवीनता के अनुरूप ढालने में सक्षम नहीं हैं।
एक साथी के रूप में करेगा काम
आइआइटी के शोधार्थियों द्वारा विकसित रोबोट एक साथी के रूप में काम करेगा। यह घरेलू वातावरण, स्वचालित वाणिज्य उद्योगों में श्रमिक और युद्ध में सैनिकों की मदद करेगा। यह समस्या का समाधान पूर्व सीखे गए बुनियादी कौशल का उपयोग करके स्वायत्त रूप से नए मोटर कौशल से करेगा। यह 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेगा। एक बार चार्ज करने पर बैटरी तीन से चार घंटे काम करेगी। बैटरी केवल 30 से 40 मिनट में चार्ज होगी।बोतल का ढक्कन खोल गिलास में डालेगा पानी
असंरचित वातावरण में काम करने के लिए मोबाइल बेस वाले रोबोटिक आर्म सिस्टम में उच्च तकनीक के सेंसर, कैमरा व लिडार लगाए गए हैं। कैमरा देखने, सेंसर समझने और लिडार नक्शे पर काम करेगा। खुले आसमान में यह जीपीएस से संचालित होगा। जो काम करवाना है वह उसे एक बार करके दिखाना होगा। पानी की बोतल कहां रखी है। कैसे उठाई जाती है। बोतल का ढक्कन खोल गिलास में पानी डाल कैसे दिया जाता है। यह सब दिखाने के बाद वह खुद करके देगा।
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अस्पताल की वार्ड में दवा, सिरप और अन्य सामग्री मरीज के बिस्तर तक पहुंचाया जा सकता है। नर्स रोबोट के सामने यह काम एक बार करेगी दिखा देगी तो उसके बाद स्मार्ट रोबोटिक असिस्टेंट वहीं काम करके देगा। उच्च सेंसर तकनीक विभिन्न वस्तुओं को स्पष्ट रूप से पहचाने, पहुंचाने में मदद करेगी। रास्ते में किसी प्रकार की कोई बाधा तो नहीं है, कैमरे इस पर पूरी नजर रखेंगे। बाधा की स्थिति में रोबोट आसानी से अपनी दिशा बदलेगा। स्मार्ट रोबोटिक असिस्टेंट विकसित करने पर आइआइटी के सेंटर फार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स ने काम किया है।स्मार्ट रोबोटिक असिस्टेंट घर, कार्यालय, अस्पताल, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे पर सहकर्मी के तौर पर काम करेगा। इसे जैसा सिखाएंगे और बताएंगे यह वैसा की काम करेगा।
डॉ. नरेंद्र कुमार धर, सहायक प्रोफेसर, स्कूल आफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आइआइटी मंडी