क्रिप्टो शातिरों ने सोने और हीरे-कोयले के कारोबार में किया था निवेश, करोंड़ों की संपत्ति कमाई; किंगपिन सुभाष के दो गुर्गे गिरफ्तार
मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) नेटवर्क के शातिरों ने सोने हीरे व कोयले के कारोबार में निवेश कर रखा था। किंगपिन सुभाष शर्मा के खास विश्वासपात्र हेमराज व सुखदेव सोने व हीरे का कारोबार देखता था। दोनों की गिरफ्तारी गुजरात से हुई थी। जमीन फ्लैट व लग्जरी वाहन खरीदने में शातिरों ने निवेशकों का पैसा खूब उड़ाया था।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 01 Nov 2023 09:50 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी। Himachal News: मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) नेटवर्क के शातिरों ने सोने, हीरे व कोयले के कारोबार में निवेश कर रखा था। शातिर अक्सर कारोबार के सिलसिले में अन्य राज्यों में आते जाते रहते थे। किंगपिन सुभाष शर्मा के खास विश्वासपात्र हेमराज व सुखदेव सोने व हीरे का कारोबार देखता था। दोनों की गिरफ्तारी गुजरात से हुई थी।
आरोपियों के जीरकपुर में हैं कई फ्लैट
जमीन, फ्लैट व लग्जरी वाहन खरीदने में शातिरों ने निवेशकों का पैसा खूब उड़ाया था। मुख्य आरोपितों के नाम पर जीरकपुर में कई फ्लैट हैं। एक एक आरोपित के पास 50 से 60 लाख रुपये कीमत की लग्जरी कार थी। आरोपित हर छोटे बड़े कार्यक्रम में निवेशकों को सोने, हीरे व कोयले के कारोबार में पैसा निवेश किए जाने की जानकारी देते थे।
कई आरोपियों की संपत्ति हुई फ्रीज
मामले की जांच कर रही पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के हाथ कई पुख्ता साक्ष्य हाथ लगे हैं। उनके आधार पर एसआइटी कई आरोपितों की संपत्ति सीज फ्रीज कर चुकी है। कई जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिख आरोपितों की संपत्ति बेचने पर रोक लगाने का आग्रह किया है।हमीरपुर के अनिल कुमार का नहीं लगा कोई सुराग
निवेशकों का करोड़ों रुपये डुबोने वाले हमीरपुर के अनिल कुमार का एसआईटी कोई सुराग नहीं लगा पाई है। वह भूमिगत हो गया है। मुख्य आरक्षी के पद से वीआरएस लेने वाले अनिल कुमार ने पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ा था। सुखदेव,हेमराज व अभिषेक की तरह वह भी किंगपिन सुभाष शर्मा का खास सिपहसालार था।
उसी के कहने पर सुंदरनगर के एक पुलिस कर्मी ने सेवानिवृत्त शिक्षक से 11 लाख रुपये का निवेश करवाया था। सेवानिवृत्त शिक्षक ने करीब एक साल बाद अपना पैसा वापस मांगा था तो अनिल कुमार ने सुंदरनगर आकर अपने बैंक खाते से एक लाख रुपये वापस दिए थे। क्रिप्टो करेंसी से करोड़ों रुपये हाथ में आने के बाद अनिल कुमार ने पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया था।
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