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Mandi Mosque Case: मंडी की गलियों से निकली उग्र भीड़ ने सबको चौंकाया, पढ़िए मस्जिद विवाद में क्या-क्या हुआ

Jail Road Masjid Controversy हिमाचल प्रदेश के मंडी में जेल रोड मस्जिद मामले पर आयुक्त कोर्ट ने फैसला सुनाया जिसके बाद प्रदर्शनकारी हिंदू संगठन की भीड़ उग्र हो हई। देखते ही देखते प्रदर्शनकारी सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। वहीं पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया। निगम कार्यालय को जाने वाला हर रास्ता बंद कर दिया।

By Hansraj Saini Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 14 Sep 2024 12:25 PM (IST)
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नगर निगम मंडी के आयुक्त कोर्ट के फैसले के बाद उग्र हो गई भीड़ (फाइल फोटो)
हंसराज सैनी, मंडी। मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंजिल मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया। प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी छोटी काशी यानी मंडी शहर में शुक्रवार को कुछ ऐसा ही दृश्य था। हिंदू संगठनों ने 10 सितंबर को ही फैसले के दिन प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। इसके बाद यही प्रश्न थे, भीड़ कितनी होगी? प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कौन करेगा? क्या प्रदर्शन शांतिपूर्वक होगा? इन्हीं प्रश्नों का उत्तर प्रशासनिक अधिकारी दो दिन से ढूंढते रहे।

हर व्यक्ति से हो रही थी पूछताछ

शुक्रवार को शहर के लोगों की सुबह आम दिनों की तरह ही हुई थी, लेकिन चौहाटा से जेल रोड तक कुछ बदला-बदला नजर आ रहा था। पुलिस की गाड़ियां दौड़ने लगी। थोड़ी देर में अधिकारी व पुलिस जवान सड़क पर नजर आने लगे। नौ बजे से पहले ही नगर निगम कार्यालय व जेल रोड को अभेद दुर्ग में बदलने की तैयारी शुरू हो गई।

निगम कार्यालय को जाने वाला हर रास्ता बंद कर दिया। मुख्य द्वार पर पुलिस का कड़ा पहरा। दमकल कर्मियों ने फायर टेंडर के साथ मोर्चा संभाल लिया। निगम कार्यालय में जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही थी। उनके नाम व मोबाइल नंबर दर्ज किए जा रहे थे।

होने लगा हनुमान चालीसा को पाठ 

पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा व एसडीजीपी कानून व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी ने सकोढी पुल पर डेरा डाल लिया। यहां पुलिस जवान त्रिस्तरीय बैरिकेडिंग करने के लिए जलशक्ति विभाग की चार इंच व्यास के पाइप रस्सियों से बांध रहे थे। पीछे पंजाब पुलिस का वाटर कैनन वाहन खड़ा था।

मस्जिद के मुख्य द्वार पर ताला था और बाहर पुलिस का पहरा। तल्याहड़ की ओर भी बैरिकेडिंग थी। मस्जिद की ओर आने वाले हर रास्ते पर पुलिस का पहरा था। बैरिकेडिंग के कारण स्कूली बच्चे व कालेज विद्यार्थी परेशान दिखे। दोनों बैरिकेड के दायरे में स्थित दुकानें बंद करने के आदेश थे। दिन जैसे जैसे आगे बढ़ा।

निगम कार्यालय के पास हलचल हुई। मुस्लिम पक्ष के लोग पेशी के लिए वाहन में आए। सुनवाई 11 बजे शुरू हुई। सवा 11 बजे सेरी चानणी की सीढ़ियों पर कुछ हरकत हुई। इधर-उधर से कुछ युवा आए। 10 से 20 और देखते ही देखते 500 हो गए। हनुमान चालीसा का पाठ शुरू हो गया। अधिकारी भी पुलिस बल के साथ पहुंचे।

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जानें क्या था पूरा मामला

11:40 बजे नगर निगम आयुक्त न्यायालय ने मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने का फैसला सुनाया। प्रशासनिक अधिकारियों ने थोड़ी राहत की सांस ली। प्रदर्शनकारी सेरी चानणी से उतर चौहाटा की ओर बढ़े और समखेतर की ओर चले गए। शहर की परिक्रमा की। इसी दौरान गलियों से लोग निकलकर प्रदर्शनकारियों के साथ जुड़ते गए। जब वापस गांधी चौक पहुंचे तो भीड़ देख सबके हाथ पांव फूल चुके थे।

सेरी मंच अब 2000 से अधिक लोग पहुंच गए। सकोढी चौक पर प्रदर्शनकारी आगे बढ़ने के लिए पुलिस व त्वरित प्रतिक्रिया बल के जवानों से टकरा गए। कुछ प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए। वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू हो गई। प्रदर्शनकारी घबराए नहीं। भीगने से उनमें और जोश आ गया।

अधिकारी बात करने व समझाने का प्रयास करते रहे। इसी दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर वहां पहुंच गए। प्रदर्शनकारी उन्हें देख भड़क गए। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने हस्तक्षेप किया। प्रदर्शनकारी कई बार बैरिकेड पर चढ़े, आगे बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस के आगे उनकी एक नहीं चली। प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे।

दो बजे प्रशासन के समझाने पर प्रदर्शन समाप्त किया। उसके बाद रुमित ठाकुर व कुल्लू के जितेंद्र राजपूत काफी देर तक वहां डटे रहे। आयुक्त कोर्ट ने अवैध निर्माण पर अपना फैसला सुना फिलहाल 30 दिन तक गेंद मुस्लिम पक्ष के पाले में डाल दी है। अब वह कोर्ट के समक्ष दर्शाई वचनबद्धता पर कितना खरा उतरते हैं। यह देखने वाली बात है।

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