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Lok Sabha Election 2024: पहाड़ चढ़ने के प्रयास में पंक्चर हुई सपा की साइकिल, मंडी और कांगड़ा सीट से छह बार लड़ा था चुनाव

Himachal Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश में एक जून को वोटिंग होगी। चुनाव को लेकर पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं। बात करें समाजवादी पार्टी की तो पहाड़ चढ़ने के प्रयास में सपा की साइकिल हमेशा पंक्चर हुई है। मंडी और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में सपा ने छह बार चुनाव लड़ा। समाजवादी पार्टी भाजपा- कांग्रेस के प्रत्याशियों को टक्कर नहीं दे पाई थी।

By Hansraj Saini Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 23 Apr 2024 03:41 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: पहाड़ चढ़ने के प्रयास में पंक्चर हुई सपा की साइकिल
हंसराज सैनी, मंडी। Himachal Lok Sabha Election 2024: पहाड़ चढ़ने के प्रयास में समाजवादी पार्टी (सपा) की साइकिल हमेशा पंक्चर हुई है। मंडी और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में सपा ने छह बार चुनाव लड़ा। भाजपा, कांग्रेस के प्रत्याशियों को टक्कर देना तो दूर की बात रही सपा प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे।

हमीरपुर और शिमला संसदीय क्षेत्र में सपा अपने प्रत्याशी उतारने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। सपा के टिकट पर साल 1996 में मंडी संसदीय क्षेत्र में भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष गंगा सिंह ठाकुर ने चुनाव लड़ा था। वह साल 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर विजयी हुए थे।

साल 1980 के चुनाव में करना पड़ा हार का सामना

साल 1980 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। करीब 16 वर्ष बाद दोबारा वह अपनी किस्मत आजमाने चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया था। उन्हें मात्र 6460 वोट ही मिले थे। गंगा सिंह ठाकुर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। इसी चुनाव में कांगड़ा के किले में सेंध लगाने के लिए साइकिल उतारी थी।

चौधरी हरदयाल को अपना प्रत्याशी बनाया था। मंडी की तरह कांगडा में भी साइकिल की हवा निकल गई थी। चौधरी हरदयाल को 8020 मत मिले थे।

सपा ने चौधरी हरदयाल पर जताया भरोसा

साल 1998 के चुनाव में सपा ने यहां अपना चेहरा बदल शक्ति चंद चौधरी को मैदान में उतारा था। उनका प्रदर्शन चौधरी हरदयाल से भी खराब रहा था। शक्ति चंद चौधरी को 3899 वोट मिले थे। 1999 के चुनाव में सपा ने फिर चौधरी हरदयाल पर भरोसा जताया था।

साल 2004 में चुनाव में सपा ने बदला चेहरा

उनकी झोली में मात्र 1991 मत आए थे। अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे। 2004 के चुनाव में सपा ने फिर चेहरा बदला था। रोशन राणा को टिकट दिया था। वह 7092 मत प्राप्त कर पाए थे।

साल 2014 के चुनाव में सपा की पिछले चुनावों से अधिक दुर्गति हुई थी। परवेश यादव काे अपना प्रत्याशी बनाया था। उन्हें मात्र 808 मत ही मिले थे। लोकसभा के अलावा सपा ने हिमाचल विधानसभा के चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाने का प्रयास किया लेकिन साइकिल कहीं नहीं दौड़ पाई थी।

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