Mandi: क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी! 20 से अधिक पुलिसकर्मी संलिप्त, सवालों में खाकी; करोड़ों का करवाया निवेश
Mandi News हिमाचल प्रदेश के मंडी में क्रिप्टो करेंसी फ्रोड में 20 से अधिक पुलिसकर्मी संलिप्त हैं। चार माह में पैसा दोगुना होने का लालच देकर इन्होंने लोगों से करोड़ों रुपये का निवेश करवाया है। ठगी का शिकार निवेशक अब इन लोगों के विरुद्ध साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। सुंदरनगर की एक महिला पुलिस कर्मी ने अपने पति के साथ मिलकर ठगी की है।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 14 Oct 2023 07:47 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी। देवभूमि हिमाचल में सैकड़ों लोगों से क्रिप्टो करेंसी की आड़ में हुई 1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में खाकी भी सवालों के घेरे में आ गई है। प्रदेश भर में 20 से अधिक पुलिस जवान व अधिकारियों की क्रिप्टो करेंसी के इस खेल में संलिप्तता पाई गई है।
चार माह में पैसा दोगुना होने का लालच देकर इन्होंने लोगों से करोड़ों रुपये का निवेश करवाया है। ठगी का शिकार निवेशक अब इन लोगों के विरुद्ध साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। सुंदरनगर की एक महिला पुलिस कर्मी ने अपने पति के साथ मिलकर ठगी की है। किसी भी निवेश को एक फूटी कौड़ी वापस नहीं मिली है।
चिकित्सकों व मोबाइल कारोबारियों ने किया था करोड़ों का निवेश
जिले के कई चिकित्सकों ने क्रिप्टो करेंसी में 10 से 20 लाख रुपये तक का निवेश किया है। अपने जान पहचान वालों से भी निवेश करवाया है। फजीहत के डर से अब शिकायत करने से बच रहे हैं। जिले के कई मोबाइल कारोबारियों से शातिरों ने तीन साल पहले 75000-75000 रुपये का निवेश करवाया था। किसी को पैसा वापस नहीं मिला है।यह भी पढ़ें: क्रिप्टो करेंसी ठगी मामला: जांच में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे, एक हजार करोड़ रुपये की हुई थी ठगी; 35 जगहों पर छापेमारी
धोखाधड़ी करने में पंचायत प्रतिनिधि भी पीछे नहीं
मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) नेटवर्क में लोगों से निवेश करवाने के मामले में पंचायत प्रतिनिधि भी पीछे नहीं रहे हैं। कई प्रधानों व पंचायत समिति सदस्यों ने लोगों से करोड़ों का निवेश करवाया है। ऐसे लोगों की शिकायतें साइबर क्राइम सेल के पास पहुंच चुकी है।मेरठ के मिलन गर्ग व सुभाष शर्मा ने दुबई में लिया था प्रशिक्षण
एमएलएम नेटवर्क की आड़ में करोड़ों की ठगी करने के किंगपिन सुभाष शर्मा व उसके साथी उत्तर प्रदेश के मेरठ के मिलन गर्ग ने दुबई में पूरा नेटवर्क संचालित करने का प्रशिक्षण लिया था। दोनों आरोपित पहला साफ्टवेयर दुबई से लेकर आए थे। बाद में अन्य साफ्टवेयर मोहाली में विकसित करवाए थे। पंजाब में दो साल ठगी करने के बाद आरोपितों ने हिमाचल की राह पकड़ी थी।
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