Mandi: चैलचौक विश्राम गृह के पास कैसे बना बड़ा मैदान? HC ने वन विभाग से मांगा जवाब; अधिकारियों ने साधी चुप्पी
हिमाचल प्रदेश के मंडी में चैलचौक विश्राम गृह के पास बड़े मैदान बनाने पर हाई कोर्ट ने प्रश्न उठाए हैं। हाई कोर्ट ने पूछा कि वन विभाग के अधिकारियों की जानकारी के बिना इतना बड़ा मैदान वन भूमि पर कैसे बन गया। विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में क्यों चुप्पी साध रखी। आरोपितों को वन भूमि को समतल करने से क्यों नहीं रोका गया।
जागरण संवाददाता, मंडी। नाचन हलके के चैलचौक में पूर्व भाजपा सरकार के समय विश्राम गृह के समीप बनाए गए बड़े मैदान पर प्रदेश हाई कोर्ट ने कई प्रश्न उठाए हैं। हाई कोर्ट ने पूछा कि वन विभाग के अधिकारियों की जानकारी के बिना इतना बड़ा मैदान वन भूमि पर कैसे बन गया। विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में क्यों चुप्पी साध रखी।
पेड़ काटने पर जताई हैरानी
आरोपितों को वन भूमि को समतल करने से क्यों नहीं रोका गया। हाई कोर्ट ने सराज हलके के कांगिरी से वन्य प्राणी विश्राम गृह शिकारी देवी तक रास्ते को चौड़ा करने करने की एवज में पेड़ काटने पर हैरानी जताई है। पेड़ काटने के आरोपित से वन विभाग ने तीन लाख रुपये जुर्माना और कुछ कंपाउंडिंग शुल्क वसूला था। इस मार्ग का कुछ हिस्सा करसोग व कुछ नाचन वन मंडल में पड़ता है।
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वनों के संरक्षण के प्रति अधिक गंभीर रवैया
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वनों के संरक्षण के प्रति अधिक गंभीर रवैया अपेक्षित है। वन विभाग को वनों की कटाई के बाद केवल धन एकत्र करने के बजाय ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्ती कर उन्हें वनों की कटाई करने से रोकना चाहिए। पंचायती राज विभाग ने कमरुनाग में वन भूमि पर पंचवटी वाटिका का निर्माण करवाया था।
जमा करवाने के निर्देश दिए
चैलचौक में मैदान बनाने की शिकायत वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने थाना गोहर में 10 जनवरी 2022 को दर्ज करवाई थी। कमरुनाग में पंचवटी वाटिका का निर्माण करने पर गोहर थाना में 15 फरवरी 2022 को प्राथमिकी संख्या 14 दर्ज हुई थी। हाईकोर्ट ने सरकार से दोनों मामलों में अब तक हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट व प्राथमिकी की प्रतियां अगली सुनवाई से पहले जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी।
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