Mandi Lok Sabha Result 2024: 'छोटा पप्पू तो कभी राजा भैया....', बयानों के चलते खूब विवादों में रहीं कंगना, विक्रमादित्य के हार की क्या रही वजह?
हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से कंगना ने जीत हासिल कर ली है। उन्होंने ट्वीट कर लोगों का आभार भी व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा कि समस्त मंडीवासियों का इस जनाधार इस प्यार और विश्वास के लिए दिल से आभार। ये जीत आप सभी की है ये जीत है प्रधानमंत्री मोदी जी और भाजपा पर विश्वास की ये जीत है सनातन की ये जीत है मंडी के सम्मान की।
डिजिटल डेस्क, मंडी। हिमाचल की सभी चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा जीत की ओर अग्रसर है। ऐसे में प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चित मंडी सीट से कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने जीत हासिल कर ली है। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह से था।
चुनाव के समय कंगना ने कई ऐसे बयान भी दिए। जिसके चलते सोशल मीडिया पर क्वीन को खासा ट्रोल होना पड़ा। उन्होंने एक जनसभा में विक्रमादित्य पर निशाना कसते हुए कहा था कि एक बड़ा पप्पू दिल्ली में है। जबकि एक छोटा पप्पू यहां हिमाचल में है। कंगना रनौत के इस बयान पर कांग्रेस ने जमकर उन्हें घेरा था।
जिसके जवाब में कंगना ने कहा कि मैंने उन्हें छोटा पप्पू क्या बोल दिया। उन्होंने मुंह फूला लिया। अरे राजा बाबू, छोटा पप्पू ये तो बहुत ही प्यारे शब्द हैं, हम छोटे-छोटे बच्चें को भी इसी नाम से बुलाते हैं।
विक्रमादित्य की पत्नी का बयान में किया जिक्र
मंडी जिले के करसोग विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा के दौरान कंगना ने विक्रमादित्य पर निशाना साधते हुए कहा था कि महिला सम्मान की बात करने वाला शहजादा अपनी पत्नी के साथ भी सही सलूक नहीं कर पाया। कंगना ने कहा कि उनकी पत्नी ने यह बयान दिया था कि उन्हें ससुराल में प्रताड़ित किया जाता था। ऐसे व्यक्ति से महिला सम्मान की और क्या उम्मीद रख सकते हैं।
पीएम मोदी को बताया विष्णु का अंश
वहीं, कंगना रनौत ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें भगवान राम और विष्णु का अंश भी कहा था। जिसके बाद कंगना इस बयान को लेकर काफी चर्चा में रहीं और सोशल मीडिया पर नेटिजन्स द्वारा खूब ट्रोल हुईं।
यहीं नहीं कंगना (Kangana Ranaut) और शिवसेना सांसद संजय राउत के बीच भी जमकर बयानबाजी हुई थी। क्वीन ने संजय की आलोचना करते हुए मुंबई को पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) बता दिया था। इस बयान पर हफ्तों विवाद रहा था।
भाजपा प्रत्याशी कंगना बीफ खाने के मुद्दे पर भी खूब चर्चा में रही थीं। इसे लेकर उन्होंने कहा था कि बीफ खाने या किसी अन्य मांस को खाने में कुछ भी गलत नहीं है। यह धर्म के बारे में नहीं है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मैं आठ वर्ष पहले ही शाकाहारी जिंदगी और योगी बनना चुन चुकी थी। वह अब भी किसी एक धर्म में विश्वास नहीं रखती हैं।
विक्रमादित्य चुनाव क्यों हारे
हिमाचल कांग्रेस में तभी से घमासान मचा हुआ था। जब से राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के हित मे वोट किया था। उन सभी बागी विधायकों ने बाद में भाजपा ज्वाइन कर ली थी। ऐसे में कांग्रेस के भीतर यह कलह कांग्रेस की मजबूती पर सवाल खड़े करती है।
वहीं दूसरी ओर मंडी संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार और विक्रमादित्य की माता प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की। ऐसे में अब आम चुनाव में कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार का बदल जाना या उनके बेटे को टिकट देना। मंडी से कांग्रेस की हार की एक वजह हो सकती है।