आपदा में अब नहीं होगी कोई परेशानी, पल-पल मौजूद रहेंगे NDRF कर्मी; मंडी के बैहना में स्थापित होगी NDRF बटालियन
Mandi News Today मंडी जिले के बैहना में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की बटालियन स्थापित करने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। एनडीआरएफ के नाम 23.97 हेक्टेयर वन भूमि स्थानांतरित करने की प्रथम चरण की स्वीकृति मिल गई है। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भूमि हस्तांतरण पर मुहर लगा दी है। भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद भवन निर्माण कार्य शुरू होगा।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 16 Dec 2023 09:13 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी। Mandi News: मंडी जिले के बैहना में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की बटालियन स्थापित करने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। एनडीआरएफ के नाम 23.97 हेक्टेयर वन भूमि स्थानांतरित करने की प्रथम चरण की स्वीकृति मिल गई है।
भूमि हस्तांतरण पर लगी मुहर
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भूमि हस्तांतरण पर मुहर लगा दी है। इससे बटालियन अन्य जिले में स्थापित करने की अटकलों पर भी विराम लग गया है। मंत्रालय ने वन भूमि स्थानांतरण पर कुछ आपत्तियां जताई थी। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने उनको दूर कर फाइल स्वीकृति के लिए भेजी थी।
मंत्रालय फाइनल स्वीकृति पर लगाएगा मुहर
प्रथम चरण की स्वीकृति मिलने के बाद अब एनडीआरएफ को प्रतिपूरक वनरोपण (सीए) के तहत वन विभाग द्वारा तय किए जाने वाली राशि प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा फंड) में जमा करवानी होगी। इसके बाद मंत्रालय फाइनल स्वीकृति पर मुहर लगाएगा।भूमि का स्थानांतरण 99 साल की लीज पर होगा
एनडीआरएफ से जो सीए राशि मिलेगी उससे वनमंडल मंडी के पनारसा व कटौला परिक्षेत्र में चिह्नित स्थानों पर पौधारोपण होगा। स्थानांतरण के लिए स्वीकृति भूमि अब केंद्र सरकार की अनुमति के बिना किसी दूसरे विभाग या एजेंसी को नहीं दी जाएगी। भूमि का स्थानांतरण 99 साल की लीज पर होगा।
आइजी मुख्यालय ने किया था चिह्नित साइट का निरीक्षण
एनडीआरएफ के आइजी मुख्यालय नरेंद्र सिंह बुंदेला ने 15 सितंबर को बैहना में चिह्नित साइट का निरीक्षण किया था। उन्होंने भूमि स्थानांतरण से संबंधित कमियों को प्रशासन से दूर करने का आग्रह किया था।अभी सलापड़ में अस्थायी रूप से चल रही बटालियन
हिमाचल के लिए स्वीकृति 14वीं एनडीआरएफ बटालियन का कामकाज अभी अस्थायी रूप से सलापड़ से चल रहा है। यहां बीएसएल प्रोजेक्ट के खाली आवास व जमीन उपलब्ध करवाई गई है।
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