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क्या है ट्राउट ब्रूड बैंक? जो खोलेगा मत्स्य पालकों की किस्मत, 5 करोड़ की लागत से होगा स्थापित; आय में होगी वृद्धि

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पतलीकूहल में 5 करोड़ रुपये की लागत से ट्राउट ब्रूड बैंक स्थापित किया जाएगा। यह ब्रूड बैंक मत्स्य पालकों को उच्च गुणवत्ता वाले ट्राउट मछली के बीज उपलब्ध कराएगा जिससे राज्य का मछली उत्पादन बढ़ेगा और मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि होगी। ब्रूड बैंक में आधुनिक ब्रीडिंग सेंटर का निर्माण होगा। मत्स्य पालकों को ट्राउट मछली पालन की तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 18 Oct 2024 11:01 AM (IST)
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क्या है ट्राउट ब्रूड बैंक? जो खोलेगा मत्स्य पालकों की किस्मत।
हंसराज सैनी, मंडी। हिमाचल प्रदेश के ट्राउट मत्स्य पालन क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज होने वाला है। कुल्लू जिले के पतलीकूहल में पांच करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाला ट्राउट ब्रूड बैंक राज्य के मत्स्य पालकों के लिए विकास की एक नई गाथा लिखेगा। ब्रूड बैंक मत्स्य पालकों को उच्च गुणवत्ता वाले ट्राउट मछली के बीज उपलब्ध कराएगा।

इससे न केवल राज्य का मछली उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि मत्स्य पालकों की आय में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ब्रूड बैंक स्थापित करने को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। दिसंबर से निर्माण कार्य शुरु होने की संभावना है। इसके बाद नार्वे व डेनमार्क से करीब एक लाख ट्राउट ब्रूड स्टाक मंगवाया जाएगा।

क्या है ट्राउट ब्रूड बैंक?

ट्राउट ब्रूड बैंक मछली उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योजना है। बैंक में ट्राउट मछलियों के अंडे से लेकर छोटी मछली तक के संपूर्ण विकास को नियंत्रित वातावरण में सुनिश्चित किया जाता है। बैंक में उच्च गुणवत्ता वाले ट्राउट मछलियों की ब्रीडिंग ( प्रजनन) करवाई जाएगी।

ब्रीडिंग के दौरान ब्रूड बैंक मछलियों की गुणवत्ता,उनकी वृद्धि दर और रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करेगा। इसके लिए यहां आधुनिक ब्रीडिंग सेंटर का निर्माण होगा। इसमें ट्राउट मछलियों की उच्च गुणवत्ता वाली प्रजातियों को विकसित किया जाएगा।

ट्राउट मछली पालन की तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा

नवीनतम मत्स्य पालन तकनीकों का उपयोग होगा। मत्स्य पालकों को ट्राउट मछली पालन की तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वह अपने व्यवसाय को और अधिक प्रभावी तरीके से चला सकें। वर्तमान में सरकारी व निजी क्षेत्र में उपलब्ध स्टाक से ही बीज तैयार किया जा रहा है। उसकी गुणवत्ता काफी हद तक कम हो चुकी है।

मछली का होगा यूनिक आईडी

ब्रूड बैंक में मछली की पहचान के लिए यूनिक आइडी का उपयोग होगा। इससे उनकी प्रजनन और स्वास्थ्य की निगरानी होगी। इस प्रणाली के तहत मछली के शरीर में माइक्रोचिप या अन्य ट्रैकिंग डिवाइस लगाया जाएगा।

प्रदेश के ट्राउट मत्स्य उत्पादकों को उच्च गुणवत्ता वाला बीज उपलब्ध करवाने व प्रशिक्षण के लिए पतलीकूहल में ब्रूड बैंक की स्थापना की जा रही है। इससे उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। मत्स्य पालकों की आय में भी जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।

- विवेक चंदेल, निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य, हिमाचल प्रदेश

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