Mandi: पुलिसकर्मी और उसकी बीवी ने Crypto के जरिए ठगे करोड़ों रुपये, रिटायर्ड अधिकारियों को बनाया शिकार
Himachal Pradesh Crime News हिमाचल प्रदेश के मंडी में पुलिसकर्मी और उसकी बीवी ने क्रिप्टो में लोगों के करोड़ों रुपये डुबा दिए। दोनों के विरुद्ध पुलिस के अलावा उनके संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों के पास धोखाधड़ी करने की शिकायत पहुंची गई है। क्रिप्टो करेंसी के खेल में लाखों की कमाई की हैं। दोनों साइबर क्राइम सेल की रडार पर आ चुके हैं।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 13 Oct 2023 08:31 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी। सुंदरनगर उपमंडल के एक पुलिस कर्मी व उसकी पत्नी ने क्रिप्टो करेंसी में लोगों का करोड़ों रुपये डुबोया है। दोनों ने कई सेवानिवृत्त अधिकारियों व पुलिस जवानों को अपना शिकार बनाया है। पैसा वापस मांगने पर अब महिला निवेशकों को छेड़छाड़ के झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रही हैं। पुलिस कर्मी बटालियन व महिला वन विभाग में सेवारत हैं।
दोनों के विरुद्ध पुलिस के अलावा उनके संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों के पास धोखाधड़ी करने की शिकायत पहुंची गई है। क्रिप्टो करेंसी के खेल में लाखों की कमाई की हैं। दोनों साइबर क्राइम सेल की रडार पर आ चुके हैं। एक सेवानिवृत्त शिक्षक को चार माह में पैसा दोगुना होने का दिलासा देकर दंपती ने 12.50 लाख की ठगी की थी। इसी तरह कई अन्य लोगों को अपना शिकार बनाया है।
कोविड काल में लोग जान बचाने,शातिर पैसा कमाने में लगे थे
मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) नेटवर्क में शातिरों ने कोविड काल में लोगों से सबसे ज्यादा ठगी की है। उस दौरान लोग अपनी जान बचाने व शातिर पैसा कमाने में लगे हुए थे। 2019 से 2021 तक लाकडाउन की वजह से दुकानें व कार्यालय बंद होने से कर्मचारी व कारोबारी कई माह तक घर में थे।यह भी पढ़ें: लूटने और लुट जाने के ये चोर रास्ते, Crypto Currency के नाम पर हो रही ठगी
ब्रैनवॉश कर निवेश के लिए उकसाया
इसी दौरान शातिरों ने लोगों को ऑनलाइन आपस में जोड़ उनका ब्रैनवॉश कर निवेश के लिए उकसाया था। ज्यादातर निवेशकों ने इसी अवधि में करोड़ों रुपये का निवेश किया था। 2022 में पैसा वापस न मिलने पर शातिरों की पोल खुलना शुरु हो गई थी। अकेले बल्ह थाना में क्रिप्टो करेंसी ठगी के पांच मामले दर्ज हुए थे।निवेशकों को शिकायत करने से रोक रहे शातिर
एमएलएम नेटवर्क से जुड़े शातिर अब निवेशकों को डराने धमकाने पर उतर गए हैं। निवेशकों को पुलिस व साइबर क्राइम सेल में शिकायत करवाने से रोका जा रहा है। शातिर उन्हें उन्हें संपत्ति बेचकर पैसा वापस करने का दिलासा दे रहे हैं। निवेशकों के साथ चोरी छिपे बैठकें कर रहे हैं।
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