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Mandi: NIT हमीरपुर में होगी टारना एकत्र मिट्टी के सैंपलों की जांच, आज वापस लौटेगी GSI की टीम; पढ़ें पूरा अपडेट

मंडी एनआइटी हमीरपुर में टारना एकत्र मिट्टी के सैंपलों की जांच होगी। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद जीएसआइ के विज्ञानी टारना की पहाड़ी को लेकर प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। पिछले दो सप्ताह से जीएसआइ का एक दल टारना की पहाड़ी में आपदा से उपजी स्थिति का अध्ययन कर रहा था। प्रभावित क्षेत्रों की बारीकी से जांच करने के अलावा मिट्टी (मृदा) परीक्षण के सैंपल भरे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 14 Oct 2023 08:07 AM (IST)
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एनआइटी हमीरपुर में होगी टारना से एकत्र मिट्टी के सैंपलों की जांच (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, मंडी। मंडी शहर के टारना की पहाड़ी से एकत्र मिट्टी के सैंपलों की जांच राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) हमीरपुर में होगी। भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) की तीन सदस्यीय टीम ने प्रभावित क्षेत्र के छह स्थानों से मिट्टी के छह-छह सेट सैंपल भरे है। एक एक सेट में छह सैंपल है। जिला प्रशासन शीघ्र सैंपल को जांच के लिए एनआइटी हमीरपुर भेजेगा।

प्रशासन को सौंपेंगे रिपोर्ट

सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद जीएसआइ के विज्ञानी टारना की पहाड़ी को लेकर प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। पिछले दो सप्ताह से जीएसआइ का एक दल टारना की पहाड़ी में आपदा से उपजी स्थिति का अध्ययन कर रहा था।

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प्रभावित क्षेत्रों की बारीकी से जांच करने के अलावा मिट्टी (मृदा) परीक्षण के सैंपल भरे हैं। अगस्त में टारना की पहाड़ी में कई स्थानों पर भूस्खलन व भूधंसाव हुआ था। इससे पहाड़ी पूरी तरह असुरक्षित हो गई थी। 50 के करीब घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे।

किराये के मकान में रह रहे 20 के करीब परिवार

करीब 694 लोग प्रभावित हुए थे। 20 के करीब परिवारों ने अब भी किराये के घरों में शरण ले रखी है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने टारना की पहाड़ी का जीएसआइ से अध्ययन करवाने का निर्णय लिया था।

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पहले चरण के निरीक्षण में जीएसआइ व आइआइटी मंडी के विशेषज्ञों ने टारना की पहाड़ी में भूस्खलन व भूधंसाव के लिए सामान्य से अधिक वर्षा व कंक्रीट के बढ़ते ढांचे को जिम्मेदार बताया था। मिट्टी सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद जीएसआइ प्रशासन को टारना की पहाड़ी को बचाने के लिए अपने सुझाव देगा। उन सुझावों के आधार पर मरम्मत व पुनर्निर्माण के कार्य होंगे।

जीएसआइ की टीम ने टारना की पहाड़ी से मिट्टी के छह सेट सैंपल भरे हैं। जांच के लिए एनआइटी हमीरपुर भेजे जाएंगे। -डा. मदन कुमार,अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मंडी