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जहां दांव लगाया वहीं खरीदी जमीन, MLM के शातिरों ने हड़पी कई लोगों की भूमि; प्रापर्टी डीलरों की रही अहम भूमिका

मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM Network) नेटवर्क के शातिरों ने जहां दांव लगाया वहीं पर जमीन और मकान खरीदे। जमीन व मकान का क्रय विक्रय करवाने में शहर के कई प्रॉपर्टी डीलरों की अहम भूमिका रही है। पीड़ित अब एसआईटी की जांच पर आस लगाए बैठे हैं। एमएलएम नेटवर्क में निवेश करवाने के लिए शातिरों ने कई लोगों की जमीन व घर तक गिरवी रख लिए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 19 Oct 2023 10:37 AM (IST)
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MLM के शातिरों ने हड़पी कई लोगों की भूमि (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, मंडी। Crypto Currency Fraud: मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM Network) नेटवर्क के शातिरों ने जहां दांव लगाया वहीं पर जमीन और मकान खरीदे। जमीन व मकान का क्रय विक्रय करवाने में शहर के कई प्रॉपर्टी डीलरों की अहम भूमिका रही है। पुलिस की विशेष जांच दल (एसआइटी) अब सबकी कुंडली खंगाल रहा है। जमीन के क्रय विक्रय में कहीं राजस्व की हेराफेरी तो नहीं हुई है। राजस्व विभाग ने इसकी जांच शुरु कर दी है।

शातिरों ने लोगों की जमीन व घर तक गिरवी रखवाए

एमएलएम नेटवर्क में निवेश करवाने के लिए शातिरों ने कई लोगों की जमीन व घर तक गिरवी रख लिए थे। जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली थी। ऐसे लोगों को जमीन व घर की कीमत के बराबर एमएलएम नेटवर्क में निवेश होने का भरोसा दिलाया गया था। 11 माह में पैसा चार गुना होने का आश्वासन दिया था। लोगों को पैसा मिला न ही जमीन।

जमीन वापस करने में कर रहे आनाकानी

शातिर अब जमीन वापस करने में आनाकानी कर रहे हैं। हेमराज ने कई प्रॉपर्टी डीलरों से भी जमीन खरीदी थी। सुभाष शर्मा ने 2019 में एमएलएम नेटवर्क का खेल शुरू किया था। कोरोना काल में लोगों से करोड़ों का निवेश करवाया। साल भर बाद 2020 में जब करोड़ों रुपये इन लोगों के पास आया तो संपत्ति खरीदने का काम शुरु कर दिया। जिन लोगों के पास निवेश करने के लिए पैसे नहीं थे।

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एसआइटी की जांच पर टिकी लोगों की आस

उन्हें जमीन व मकान नाम करवाने के लिए उकसाते थे। दुबई भाग चुके किंगपिन सुभाष शर्मा ने करीब दो साल पहले सौली खड्ड में चार बिस्वा जमीन खरीदी थी। मंडी शहर के जिस व्यक्ति ने अपनी जमीन का हिस्सा सुभाष शर्मा की पत्नी को बेचा था। उसने 29 जुलाई 2021 को जमीन बेचने के लिए नगर निगम मंडी से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था। धोखाधड़ी का शिकार हुए कई लोग अब पुलिस के झमेले में पड़ने के बजाय एसआइटी की जांच पर नजर लगाए बैठे हैं।

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