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Himachal Pradesh News: लाहौल-स्पीति के ग्यू गांव में पहुंचा मोबाइल नेटवर्क, लोग बोले- मोदी जी धन्यवाद...

Himachal News हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्‍पीति के ग्‍यू गांव में मोबाइल नेटवर्क पहुंच गया है। गांव के लोगों ने पीएम मोदी का धन्‍यवाद किया है। पहली कॉल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। ग्यू गांव के शिक्षक दोर्जे से मोबाइल नेटवर्क आने के लाभों के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने करीब 13 मिनट तक बात की। अब मोबाइल नेटवर्क आने से गांव के लोग अपने परिचितों से बात कर सकेंगे।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Fri, 19 Apr 2024 05:31 PM (IST)
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लाहौल-स्पीति के ग्यू गांव में पहुंचा मोबाइल नेटवर्क

मुकेश मेहरा, मंडी। मोदी जी, आपका धन्यवाद! आपने हमारी समस्या को समझा और आज ग्यू गांव दुनिया से जुड़ गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मोबाइल फोन पर बात करते हुए ग्रामीणों का यही कहना था। गांव में मोबाइल फोन नेटवर्क पहुंचने से उनकी खुशी देखते ही बनती थी।

हिमाचल के शीत मरुस्थल यानी लाहुल स्पीति जिले में 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव ग्यू वीरवार को मोबाइल फोन नेटवर्क से जुड़ा। पहली कॉल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। ग्यू गांव के शिक्षक दोर्जे से मोबाइल नेटवर्क आने के लाभों के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने करीब 13 मिनट तक बात की।

पीएम बोले- बिना बताए आने पर भी लोगों ने दिया था खूब सम्‍मान

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दोर्जे जी बधाई हो, गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया। मैं दिवाली के समय आया था तो उस समय समस्या का पता चला था। बिना बताए आने पर भी लोगों ने खूब सम्मान किया था। माताओं को मोबाइल फोन का तो पता था, लेकिन नेटवर्क न होने के कारण दिक्कत थी। अब मोबाइल नेटवर्क आने से गांव के लोग अपने परिचितों से बात कर सकेंगे।’

दोर्जे ने प्रधानमंत्री का जताया आभार

दोर्जे ने प्रधानमंत्री का ग्रामीणों की ओर से आभार जताते हुए कहा कि पहले हमें मोबाइल नेटवर्क के लिए आठ किलोमीटर दूर समदो जाना पड़ता था। हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया। आपके दौरे के बाद यहां पर मोबाइल टावर लगने व जमीन संबंधित प्रक्रिया 23 दिन में पूरी हो गई।

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पीएम ने पूछा कि अब मोबाइल फोन नेटवर्क आने से क्या लाभ होगा। इस पर दोर्जे ने कहा कि हम अपने बच्चों को और बेहतर जानकारी दे सकेंगे, जो इंटरनेट के जरिए मिल सकती है। संबंधी जो घरों से दूर हैं, उनसे भी आसानी से बात हो जाएगी।

पहले की सरकारों ने भाग्य के भरोसे छोड़े सीमावर्ती क्षेत्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब हमने सरकार बनाई थी तो यह लक्ष्य था कि हर गांव में बिजली और मोबाइल फोन नेटवर्क पहुंचाना है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं। पहले की सरकारों ने इन क्षेत्रों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया था।

अपने तीसरे कार्यकॉल में वह अब तक लोगों के जीवन की सुगमता को प्राथमिकता देने के बाद उनके जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करेंगे और इससे दूरदराज के क्षेत्रों, गरीबों और मध्यम वर्ग को काफी फायदा होगा। ‘एक जिला एक उत्पाद’ कार्यक्रम से भी क्षेत्र को काफी फायदा होगा।

टशी दवा को किया याद, कहा-बहुत स्वादिष्ट होता है सत्तू

प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि संगठन के काम के चलते मैं कई बार स्पीति आया हूं। यहां के टशी दवा मेरे अच्छे परिचित थे। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के मित्र थे। ग्रामीण सत्तु भी बहुत स्वादिष्ट बनाते हैं और वहां तो सत्तू आर्गेनिक होता है। वह समय लाजवाब था, लेकिन चुनौतियां कम नहीं थी।

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गांव की समस्याओं के बारे में जाना

प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत में वहां की समस्याओं के बारे में भी पूछा। दोर्जे ने बताया कि अभी यहां तापमान माइनस चार से पांच डिग्री सेल्सियस है। मानसून में यहां सबसे अधिक दिक्कत आती है। कुछ समय पहले वर्षा से 17 हेक्टेयर जमीन बह गई है।