Mandi News: अब सर्दी में नहीं पड़ेगी हीटर और अंगीठी की जरूरत, लाहौल-स्पीति में सरकारी भवनों को गर्म रखेंगी मिट्टी की दीवारें
लाहौल-स्पीति में अब सर्दी में हीटर और अंगीठी की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकारी भवनों के निर्माण में मिट्टी का उपयोग होगा। इससे सर्दी में हीटर व अंगीठी आदि की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिजली और लकड़ी की खपत कम होगी। हादसों पर भी रोक लगेगी। कार्बन डाइआक्साइड गैस का उत्सर्जन कम होने से पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। स्पीति घाटी में भविष्य में सरकारी भवनों की दीवारें मिट्टी से बनेगी।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Wed, 13 Dec 2023 03:17 PM (IST)
हंसराज सैनी, मंडी। देश में शीत मरुस्थल के रूप में विख्यात लाहौल स्पीति जिले की स्पीति घाटी में सरकारी भवनों को अब मिट्टी की दीवारें गर्म रखेंगी। सरकारी भवनों के निर्माण में मिट्टी का उपयोग होगा। इससे सर्दी में हीटर व अंगीठी आदि की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिजली और लकड़ी की खपत कम होगी।
हादसों पर भी रोक लगेगी। कार्बन डाइआक्साइड गैस का उत्सर्जन कम होने से पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। स्पीति घाटी में भविष्य में सरकारी भवनों की दीवारें मिट्टी से बनेगी। ग्लोबल वार्मिंग पर अंकुश लगाने की दिशा में हिमाचल सरकार का एक बड़ा निर्णय है।
सर्दी में माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक स्पीति घाटी का तापमान
सर्दी में हिमपात होने से तापमान लुढ़क कर 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। कंक्रीट से बने घर व सरकारी कार्यालयों में ठंड कहर बरपाती है। ठंड से बचने के लिए हीटर व अंगीठी का प्रयोग होता है। इससे बिजली व लकड़ी की भारी खपत होती है। विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त होने से कई दिनों तक बिजली गुल रहती है। कोयले व लकड़ी की गैस से कई बार जानलेवा हादसे भी होते आए हैं।यह भी पढ़ें: कुदरत की खूबसूरती निहारने कुल्लू आते हैं सैकड़ों पर्यटक, जाणा वाटरफॉल करता मंत्रमुग्ध; पढ़ें क्यों है विश्व विख्यात
ग्लोबल वार्मिंग व बीमारियों का बढ़ावा दे रहें कंक्रीट के भवन
स्पीति घाटी में अकसर सात से आठ माह हिमपात होता था। अब तीन से चार माह ही हिमपात हो रहा है। कंक्रीट से बने भवन ग्लोबल वार्मिंग के अलावा बीमारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। स्पीति का अधिकतम तापमान हर साल बढ़ता जा रहा है। गर्मी में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। सर्दी में सीमेंट के भवन ठंडे होने से लोगों में हड्डी व श्वास रोग बढ़ रहे हैं।मिट्टी से होंगी दीवारों की पुताई
मिट्टी उष्मा की कुचालक होती है। गर्मी में मिट्टी के भवन ठंडे व सर्दी में गर्म होते हैं। गर्मियों में बाहर की गर्मी भवन में प्रवेश नहीं कर पाती है। सर्दी में अंदर की गर्मी बाहर प्रवाहित नहीं होती है। कंक्रीट के बजाय मिट्टी के फर्श भी गर्म होते हैं। भवन अंदर से प्राकृतिक रूप से गर्म होने पर श्वास रोग भी नहीं पनप पाएंगे।स्कूल के भवन की दीवारें भी मिट्टी से बनेंगी
स्पीति में स्कूल,सामुदायिक व अन्य भवनों की दीवारें मिट्टी से बनेंगी। दीवार के अंदर वाले हिस्से पर मिट्टी की पुताई होगी। लोक निर्माण विभाग इसके लिए मिट्टी के घर बनाने वाले विशेषज्ञों की राय भी लगेगा। स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद भवन खासकर दीवारें मिट्टी से बनाने का निर्णय लिया गया है। इससे स्कूली विद्यार्थियों को सर्दी में बड़ी राहत मिलेगी। यह भी पढ़ें: अब शिमला में धूमधाम से मनाया जाएगा क्रिसमस और न्यू ईयर, पर्यटकों की होगी मौज; ड्रोन से हर एक्टिविटी निगरानी रखेगी पुलिसप्रदेश सरकार के निर्देश पर स्पीति घाटी में इर्का फ्रैंडली भवन बनाने का निर्णय लिया गया है। भवन की अंदर की दीवारें पूरी तरह मिट्टी से बनेंगी। इससे भवन सर्दी में गर्म रहेंगे। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। बिजली व लकड़ी की बचत भी होगी। -जितेश कुमार,अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग काजा (स्पीति)