Polio Campaign: एक भी बच्चा न छूटे....हिमाचल में मौसम पर भारी पड़ा हौंसला, बर्फ में चलकर बच्चों तक पहुंचाई 'दो बूंद जिंदगी की'
Polio Campaign हिमाचल प्रदेश में पल्स पोलियो अभियान के तहत बच्चों तक पोलियो की बूंदे पहुंचाई गई। बर्फ में पैदल चलकर अपनी जिम्मेदारी पूरी की गई। कुल्लू जिला के मलाणा में 15 किलोमीटर तो मंडी जिला के सराज व द्रंग की चौहारघाटी में चार से पांच किलोमीटर का पैदल सफर कार्यकर्ताओं को करना पड़ा। माताएं भी अपने बच्चों के साथ दवा पिलाने पहुंची।
मुकेश मेहरा, मंडी। एक भी बच्चा छूट न जाए... पल्स पोलियो अभियान के इस श्लोगन को सार्थक करने के लिए रविवार को हिमपात और वर्षा पर नारी शक्ति का हौंसला भारी पड़ा। मंडी और कुल्लू जिला के दुर्गम इलाकों में आशा कार्यकर्ता हिमपात के बावजूद पैदल बूथों तक पहुंची।
कुल्लू जिला के मलाणा में 15 किलोमीटर, तो मंडी जिला के सराज व द्रंग की चौहारघाटी में चार से पांच किलोमीटर का पैदल सफर कार्यकर्ताओं को करना पड़ा। माताएं भी अपने बच्चों के साथ दवा पिलाने पहुंची।
दवाई लेने के लिए जाना पड़ा आठ किलोमीटर
जिला कुल्लू के सबसे पुरानी लोकतंत्र कहे जाने वाले मलाणा गांव के लिए सड़क सुविधा नहीं है। हिमपात के कारण गांव की आशा कार्यकर्ता निर्मला देवी को गांव से सात से आठ किलोमीटर दूर ब्रिज चार के पास गाड़ी से दवाई लेने के लिए जाना पड़ा। आने जाने 15 किलोमीटर का सफर उन्होंने तीन से चार फीट के हिमपात के बीच किया। इसके बाद मलाणा व इसके आस पास के 56 बच्चों को पोलियो की खुराक गांव में पहुंचकर पिलाई।यह भी पढ़ें: Himachal News: '60 शहरी स्थानीय निकायों में शुरू होगी ई-गवर्नेंस सेवा...', डिजिटल मिशन पर CM सुक्खू का एलान
बर्फबारी के बीच जाकर पिलाई दवा
निर्मला देवी ने बताया कि जो बच्चे रह गए हैं, उनको अगले दिन दवा पिलाई जाएगी। वहीं मंडी जिला के सराज हलके में 11 बूथ ऐसे थे जहां हिमपात हुआ था, में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने पर पैदल ही पहुंचकर खुराक पिलाई। यहां दीदर क्षेत्र में सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
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चौहारघाटी में भी यही स्थित थी, यहां यहां लपास, बरोट में रास्ता बंद होने के कारण, द्रंग के ऊपरी इलाके शामिल थे। बरोट में सात बूथों में भारी हिमपात था।
उधर जिला स्वास्थ्य अधिकारी मंडी ने बताया कि जिला मंडी 97 प्रतिशत बच्चों को दवा पिलाई गई है। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुल्लू डा.नागराज पवार ने बताया कि 94 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हुआ है। मलाणा, सोलंगनाला, जाणा आदि बूथों में पैदल ही जाना पड़ा है।
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