आपदा से प्रभावित सड़कों से बढ़ी परेशानियां, सब्जी के दाम से ज्यादा मंडी तक पहुंचाने का किराया दे रहे लोग
Mandi News हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ से लोग काफी परेशान हैं। मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई दिन से बाधित हैं। मंडी से कुल्लू को जोड़ने वाला बजौरा-कमांद-कटौला-मंडी वैकल्पिक मार्ग बंद है। सब्जी के दाम से अधिक मालवाहक का किराया हो गया है। फूलगोभी की 25 किलो की पेटी 200 रुपये में बिक रही है जबकि उसे सब्जी मंडी तक पहुंचाने का किराया 213 रुपये बन रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 27 Aug 2023 10:11 AM (IST)
मंडी, हंसराज सैनी: प्राकृतिक आपदा ने प्रदेशवासियों की कमर तोड़ दी है। किसान, बागवान हो या कारोबारी मार्केट तक उत्पाद पहुंचाना सबके लिए पहाड़ जैसी चुनौती है। मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई दिन से बाधित हैं। मंडी से कुल्लू को जोड़ने वाला बजौरा-कमांद-कटौला-मंडी वैकल्पिक मार्ग बंद है। अन्य वैकल्पिक मार्गों यानी बंजार, आनी, करसोग, रामपुर, शिमला होकर सब्जी व सेब मार्केट तक पहुंचाना आसान नहीं है।
मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
सब्जी के दाम से अधिक मालवाहक का किराया हो गया है। फूलगोभी की 25 किलो की पेटी 200 रुपये में बिक रही है, जबकि उसे सब्जी मंडी तक पहुंचाने का किराया 213 रुपये बन रहा है। लाहौल में इस बार फूलगोभी का बंपर उत्पादन हुआ है। फूलगोभी लगभग तैयार हो चुकी है। मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से पहले खेत में फूलगोभी 40 रुपये प्रति किलो बिक रही थी।
लाहौल से दिल्ली का एक ट्रक का किराया 62,000 रुपये
बड़ी संख्या में कारोबारी फूलगोभी, बंदगोभी, ब्रोकली व लाल फूलगोभी व बंदगोभी खरीदने लाहौल पहुंचे थे। गोभी व ब्रोकली की आपूर्ति उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए जा रही थी। लाहौल से दिल्ली का एक ट्रक का किराया 62,000 रुपये था। मंडी के छह मील में हाईवे बंद हो गया। ट्रकों के पहिये नागचला में थम गए। लाहौल से जीप कमांद कटौला मार्ग से सब्जी की खेप नागचला तक आने लगी।ट्रक को भरने में चार जीप लग रही
एक जीप का किराया 16,000 रुपये था। एक ट्रक को भरने में चार जीप लग रही थी यानी चार जीप का किराया 64,000 रुपये बन रहा था। ट्रक मालिक नागचला से दिल्ली का किराया 26,000 रुपये ले रहे हैं। जीप व ट्रक का किराया मिलाकर 90,000 रुपये बन रहा था। अब कमांद-कटौला व पंडोह मार्ग भी बंद हो गया तो कल तक 40 रुपये प्रति किलो बिकने वाली गोभी के दाम गिर कर आठ रुपये तक आए गए।
एक जीप में आती हैं 75 पेटियां
एक जीप में गोभी की 75 पेटी आती हैं। एक पेटी में 25 किलो गोभी होती है। आठ रुपये की दर से एक पेटी का किसानों को 200 रुपये और 75 पेटी का 15,000 रुपये मिल रहा है। जीप का किराया 16,000 रुपये है। कमांद कटौला मार्ग से दूसरे दिन सब्जी पहुंच रही थी।अब चार से पांच दिन लग रहे हैं। अधिक तापमान में लाहौल की गोभी जल्द खराब हो जाती है। कारोबारियों ने खरीद बंद कर दी तो दाम भी औंधे मुंह गिर गए। स्थिति यह है कि पेटियों में भरकर रखी गोभी खेत में ही खराब हो रही है।
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