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जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के नाम पर सेवानिवृत्त अधिकारी से 36.50 लाख की ठगी, दो दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की गिरफ्तारी के नाम पर साइबर जालसाजों ने एक सेवानिवृत्त केंद्र सरकार अधिकारी से 36.50 लाख रुपये की ठगी की। जालसाजों ने उन्हें दो दिन तक घर में डिजिटल अरेस्ट पर रखा और फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनसे शपथपत्र लिया। इस मामले में साइबर थाना मंडी ने आईटी और बीएनएस की विभिन्न धाराओं में शिकायत दर्ज की है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 07 Oct 2024 08:32 PM (IST)
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जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के नाम पर सेवानिवृत्त अधिकारी से 36.50 लाख की ठगी।
जागरण संवाददाता, मंडी। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की गिरफ्तारी की आड़ में साइबर जालसाजों ने केंद्र सरकार के एक सेवानिवृत्त अधिकारी से 36.50 लाख रुपये की ठगी कर ली। उसे दो दिन तक घर में डिजिटल अरेस्ट पर रखा। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआइ व सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेश भेज पीड़ित से लिखित में शपथपत्र लिया कि जांच होने तक वह यह बात किसी को नहीं बताएगा।

इसके बाद एक फर्जी आइपीएस अधिकारी ने कॉल कर चल अचल संपत्ति सरेंडर करने के आदेश दिए। पीड़ित को जांच के तीन दिन बाद पैसा वापस लौटाने की बात कही थी। नरेश गोयल को एक सितंबर 2023 को धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। उन पर ईडी ने धन शोधन और केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को दिए गए 538.62 करोड़ रुपये के ऋण की हेराफेरी का आरोप लगाया है।

गलत कामों के लिए हुआ खाते से पैसे का लेनदेन

कुल्लू के रहने वाले सेवानिवृत्त अधिकारी को जालसाजों ने 26 सितंबर को उनके मोबाइल फोन पर काल की थी। आरोप लगाया था उसका मोबाइल नंबर गलत काम व अन्य संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त है। मुंबई में इसको लेकर 17 मामले दर्ज हैं।

जालसाजों ने नरेश गोयल से संबंधित कागजात भी भेजे। उसमें बताया गया कि नरेश गोयल के जो 247 अवैध बैंक खाते पाए गए हैं। इसमें कैनरा बैंक में एक संदिग्ध खाता व एटीएम कार्ड भी शामिल है। इस खाते से पैसे का लेनदेन गलत काम के लिए हुआ है।

IPS अधिकारी बन सारे फंड सरेंडर करने को कहा जालसाज

इसके बाद जालसाजों ने पीड़ित को सुप्रीम कोर्ट व आरबीआइ का एक फर्जी आदेश भेजा। इस आशय का लिखित शपथपत्र भेजने को कहा कि जांच तक वह किसी से बात नहीं करेगा। फोन काल नहीं काटेगा। फोन पर लगातार उपलब्ध रहेगा।

बाद में जालसाजों ने आइपीएस अधिकारी बन सारे फंड सरेंडर करने को कहा। पीड़ित ने जालसाजों द्वारा बताए गए बैंक खाते में तीन बार पैसा ट्रांसफर कर दिया। पहले पांच लाख,फिर 13 व बाद में 18.50 लाख रुपये ट्रांसफर किए। तीन दिन बाद पैसा वापस नहीं मिला तो पीड़ित ने जालसालों को काल की बताया अन्वेषण जारी है।

इसके बाद ठगी का पता चला और सोमवार को साइबर थाना मंडी में आइटी व बीएनएस की विभिन्न धाराओं में शिकायत दर्ज करवाई।

साइबर थाना समय समय पर एडवाइजरी जारी कर रहा है। लोग जालसाजों के किसी झांसे में न आए। ठगी का पता चलने पर शिकायत दर्ज करवाएं।

- मनमोहन सिंह,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर थाना मध्य खंड मंडी

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