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Sanjauli Masjid Vivad के बीच मुस्लिम समुदाय ने खुद गिराई जेल रोड मस्जिद की सुरक्षा दीवार, PWD की जमीन पर था अवैध निर्माण

संजौली मस्जिद विवाद (Shimla Masjid Controversy) के बीच मंडी के जेल रोड मस्जिद की सुरक्षा दीवार गिरा दी गई है। मुस्लिम पक्ष ने खुद ही अवैध लोक निर्माण विभाग के जमीन पर बनी मस्जिद की सुरक्षा दीवार और कमरे को गिरा दिया है। वहीं मस्जिद के ऊपर अवैध रूप से बनाई गई दो मंजिल को लेकर शुक्रवार को आयुक्त कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Thu, 12 Sep 2024 04:47 PM (IST)
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मंडी के जेल रोड में मस्जिद की अवैध सुरक्षा दीवार को गिराता मुस्लिम पक्ष।

जागरण संवाददाता, मंडी। शिमला के संजौली मस्जिद मामले की घटना से सबक लेते हुए मुस्लिम समुदाय ने मंडी के जेल रोड में मस्जिद के आगे लोक निर्माण विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनाई सुरक्षा दीवार व कमरा खुद गिरा दिया। गुरुवार दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे लोक निर्माण विभाग व पुलिस की टीम जेल रोड पहुंची।

वहां मुस्लिम पक्ष के लोगों से बात की। इसके बाद वह सुरक्षा दीवार गिराने पर सहमत हो गए। मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी ने यहां लोक निर्माण विभाग की करीब 33 वर्गमीटर भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। मस्जिद के ऊपर अवैध रूप से बनाई गई दो मंजिल आयुक्त कोर्ट शुक्रवार को अपना निर्णय सुनाएगा। थोड़ी देर में छह सदस्यीय कमेटी आयुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

मंगलवार को हुई थी मामले की सुनवाई

जेल रोड में मस्जिद के अवैध निर्माण मामले की सुनवाई मंगलवार को नगर निगम मंडी के आयुक्त के न्यायालय में हुई थी। मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी निर्माण कार्य से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड न्यायालय के समक्ष पेश नहीं कर पाई थी। निगम ने सोसाइटी के प्रधान को नोटिस जारी कर सुनवाई के दौरान लोक निर्माण विभाग व निगम का एनओसी व ढांचे का स्वीकृत नक्शा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।

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सोसाइटी की ओर से पेश चारों सदस्यों ने बताया कि निर्माण कार्य से पहले नक्शे के लिए आवेदन किया था। उस पर कुछ आपत्तियां लगी थी। उन्हें दूर नहीं किया था। निगम ने आवेदन रद्द कर दिया था। सुनवाई करीब 15 मिनट तक चली थी।

मामले की जांच कर रही छह सदस्यीय कमेटी

मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का विवाद बढ़ते देख मामले की सुनवाई के बाद उपायुक्त एचएस राणा ने अतिरिक्त आयुक्त विकास शर्मा के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। अधिशाषी अभियंता दीपक महाजन, सहायक अभियंता एचसी जसवाल, कनिष्ठ अभियंता सिद्धार्थ शर्मा, वर्क सुपरवाइजर सुरेश कुमार व एक वीडियोग्राफर को कमेटी का सदस्य बनाया गया था।

तहसीलदार सदर को राजस्व से संबंधित व थाना प्रभारी सदर को कमेटी के सदस्यों को निरीक्षण के दौरान सुरक्षा उपलब्ध करवाने को कहा गया था।

शाम तक मांगी फाइनल रिपोर्ट

आयुक्त ने छह सदस्यीय कमेटी से 12 सितंबर तक निर्माण कार्य से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। कमेटी को इस बात की जांच करने के निर्देश दिए गए थे कि नोटिस के बाद क्या अवैध निर्माण हुआ है। नोटिस के बाद निगम ने वीडियोग्राफी करवाई थी। ताजा वीडियोग्राफी का पुरानी से मिलान किया गया।

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