Mandi News: कीरतपुर मनाली फोरलेन पर नहीं बढ़ेगी वाहनों की रफ्तार, 60 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी गति सीमा
Kiratpur-Manali Four Lane हिमाचल प्रदेश के मंडी में कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर अब वाहनों की रफ्तार नहीं बढ़ेगी। अधिकतम गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहेगी। देश भर के पहाड़ी प्रदेशों में अधिकतम गति सीमा का मानक यही है। इससे अधिक गति सीमा से वाहन चलाने वाले चालकों के चालान करना पुलिस और परिवहन विभाग का अधिकार क्षेत्र है।
हंसराज सैनी, मंडी। कीरतपुर मनाली फोरलेन पर फिलहाल वाहनों की गति सीमा नहीं बढ़ेगी। अधिकतम गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहेगी। उससे अधिक गति वालों के चालान किए जाएं या नहीं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने परिवहन और पुलिस विभाग इस पर निर्णय लेगा। एनएचएआइ ने गेंद अब दोनों विभागों के पाले में डाल दी है।
पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक
फोरलेन पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा करने को लेकर परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम ने एनएचएआइ,परिवहन के अधिकारियों और मंडी, कुल्लू, बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअली बैठक की।
यह भी पढ़ें: Himachal News: कीरतपुर-मनाली फोरलेन को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस दिन तक पूरा होगा पुनर्निर्माण कार्य
बैठक में आरडी नजीम ने गति सीमा बढ़ाने पर एनएचएआइ के अधिकारियों की राय जानी। उन्हें अधिकारियों ने अवगत करवाया कि पहाड़ी क्षेत्र को देखते हुए फोरलेन की डिजाइनिंग अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के हिसाब से की गई है।
चालकों के चालान करना पुलिस और परिवहन विभाग का अधिकार
देश भर के पहाड़ी प्रदेशों में अधिकतम गति सीमा का मानक यही है। इससे अधिक गति सीमा से वाहन चलाने वाले चालकों के चालान करना पुलिस और परिवहन विभाग का अधिकार क्षेत्र है। एनएचएआइ ने फोरलेन पर वाहनों की गति सीमा जांचने के लिए हर 500 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरा व स्पीडोमीटर लगा रखे हैं। इससे वाहन की गति का पता चलता रहता है। 60 किलोमीटर से अधिक गति में वाहन चलाने वालों के चालान काटने हैं या नहीं बैठक में इस बात पर भी सहमति नहीं बन पाई है।
एक माह में लगेगी कंसल्टेंट पर मुहर
कुल्लू से मनाली तक स्थायी मार्ग के निर्माण पर कंसल्टेंट एक माह में अपनी रिपोर्ट देगा। एनएचएआइ मुख्यालय ने कंसल्टेंसी पर अपनी मुहर लगा दी है।कंसल्टेंट तय करने को लेकर सदस्य तकनीकी आलोक दीपांकर ने क्षेत्रीय अधिकारी शिमला व परियोजना अधिकारी मंडी के साथ वर्चुअली बैठक की।
ब्यास नदी के किनारे मार्ग का निर्माण कैसे किया जाए कंसल्टेंट इस पर अपनी रिपोर्ट देंगे। आठ जुलाई को ब्यास नदी में आई बाढ़ से कुल्लू से मनाली तक कई स्थानों पर मार्ग का नामोनिशान मिट गया है। अभी अस्थायी मार्ग से काम चलाया जा रहा है।
ब्यास नदी में डिसिल्टिंग पर मुख्य सचिव ने की चर्चा
बरसात में ब्यास नदी में बड़ी मात्रा में चट्टानें व गाद आई है। कई जगह नदी के बीचोंबीच पहाड़ बन गए हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदेश सरकार से इसकी डिसिल्टिंग करने का आग्रह किया था। तीन माह बाद भी प्रदेश सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है। अब एनएचएआइ के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने इस मामले को लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को पत्र लिखा था।
यह भी पढ़ें: कीरतपुर मनाली फोरलेन पर झीड़ी और डडौर में बनेगा फ्लाई ओवर, लोगों को मिलेगी राहत; यातायात होगा आसान
डिसिल्टिंग को लेकर कारगर कदम उठाने के निर्देश
प्रबोध सक्सेना ने वीरवार शाम एनएचएआइ के अधिकारियों, उपायुक्त मंडी व कुल्लू के साथ वर्चुअली बैठक कर डिसिल्टिंग को लेकर कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। एनएचएआइ का तर्क था कि वर्तमान में जो मार्ग बनाया था वह हाई फ्लड जोन से ऊपर था। अगर डिसिल्टिंग नहीं हुई तो भविष्य में भी ब्यास नदी तबाही मचा सकती है।
कीरतपुर मनाली फोरलेन पर वाहनों की गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहेगी। गति सीमा बढ़ाने पर सहमति नहीं बन पाई है। प्रधान सचिव परिवहन को मानकों से अवगत करवा दिया गया है। चालान करना पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। -वरुण चारी,परियोजना निदेशक एनएचएआइ मंडी