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Mandi News: श्रीलंका अपनाएगा हिमाचल के स्वयं सहायता समूहों का मॉडल, जेंडर विशेषज्ञ नाकाजिमा ने किया निरीक्षण

Mandi News श्रीलंका हिमाचल प्रदेश के स्‍वयं सहायता समूहों के मॉडल को अपनाएगा। सुंदरनगर के तकवाड़ गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए आयोजित प्रदर्शनी कार्यक्रम में जाईका इंडिया की प्रोजेक्ट डेवेल्पमेंट विशेषज्ञ निष्ठा वेंगुरलकर और जाईका श्रीलंका की जेंडर विशेषज्ञ नाकाजिमा ने परियोजना के प्रथम और द्वितीय चरणों के तहत कामकाज का धरातल पर निरीक्षण किया है।

By Rajesh Kr.. SharmaEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 06:18 PM (IST)
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श्रीलंका अपनाएगा हिमाचल के स्वयं सहायता समूहों का मॉडल
संवाद सहयोगी, सुंदरनगर। हिमाचल प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों के मॉडल को अब श्रीलंका भी अपनाएगा। हिमाचल फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना के प्रथम चरण में प्रदेश के अलग-अलग भागों में ऐसे स्वयं सहायता समूह विकसित किए गए हैं।

सुंदरनगर के तकवाड़ गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए आयोजित प्रदर्शनी कार्यक्रम में जाईका इंडिया की प्रोजेक्ट डेवेल्पमेंट विशेषज्ञ निष्ठा वेंगुरलकर और जाईका श्रीलंका की जेंडर विशेषज्ञ नाकाजिमा ने परियोजना के प्रथम और द्वितीय चरणों के तहत कामकाज का धरातल पर निरीक्षण किया।

हिमाचल के कई हिस्‍सों में सिंचाई योजनाएं की गई थी स्‍थापित

कार्यक्रम स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान और मीडिया सलाहकार राजेश्वर ठाकुर ने बताया कि प्रथम चरण में हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों में काफी संख्या में सिंचाई योजनाएं स्थापित की गई थी। इस दौरान महिला सशक्तीकरण के क्रम में कई स्वयं सहायता समूहों की भी स्थापना की गई थी।

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इन्होंने अपनी आजीविका को बेहतर करने के लिए परियोजना की ओर से उस दौरान दी गई आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण पर अमल करते हुए विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पाद और दैनिक जरूरत की चीजों को बनाना शुरू किया। अब इन्हें अच्छा खासा बाजार मिल गया है, जिससे ये महिलाएं अपना काम जीवन स्तर ऊंचा करने में कामयाब हुई हैं। अब इसी माडल को जाईका श्रीलंका में अमल कराने की योजना पर आगे बढ़ेगा।

प्रदर्शनी में समूहों की आत्मनिर्भरता की कहानी

कार्यक्रम में समूहों द्वारा प्राकृतिक खेती के उत्पाद, स्थानीय वस्त्र, लाइव कुकिंग और सब्जियों की प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया कि किसानों की पैदावार जायका के माध्यम से कैसे बड़ी और स्वयं सहायता समूह कैसे आत्मनिर्भर हो रहे हैं।

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स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से निष्ठा वेंगुरलकर और यशिको नाकाजिमा ने बातचीत करके उनसे जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि इस अध्ययन के आधार पर आने वाले समय में इसे श्रीलंका में महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए लागू किया जाएगा।

बेहतरीन कार्य कर रहे समूहों को किया पुरस्कृत

इस अवसर पर अच्छा काम कर रहे महिला स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। जाईका के विशेषज्ञों ने स्थानीय इलाके में जाईका के पहले चरण में विकसित किए गए विविध खेती के फार्म में जाकर भी उपलब्धियों का जमीनी जायजा लिया। विविध खेती में टमाटर उगाकर सालाना 12 लाख रुपये की आमदनी लेने वाले युवक को भी जाईका विशेषज्ञों ने शाबाशी दी।

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