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काजल-मस्कारे वाली आखों की दुश्मन पर निगाहें... BSF की पहली महिला स्नाइपर जिन्होंने जेंडर स्टीरियोटाइप को तोड़ा

Himachal News वर्षों तक देश की सीमाओं की रक्षा में पुरुषों का ही वर्चस्व रहा लेकिन आज इस धारणा को तोड़ते हुए महिलाएं भी साहस और शौर्य का परिचय दे रही हैं। इनमें बड़ा नाम है सुमन ठाकुर का। सुमन सीमा जिन्होंने सुरक्षा बल की पहली महिला स्नाइपर (First Women Sniper of India) बनकर हमारे देश का गौरव बढ़ाया है।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Wed, 09 Oct 2024 05:59 PM (IST)
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मंडी की बेटी सुमन ठाकुर ने किया देश का नाम रोशन

मुकेश मेहरा, मंडी। सुमन न केवल भारत की सीमाओं की रक्षा कर रही हैं, बल्कि उन्होंने महिलाओं के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा स्थापित की है। हिमाचल प्रदेश के मंडी की निवासी सब इंस्पेक्टर सुमन ठाकुर ने इंदौर के सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपंस एंड टैक्टिक्स से स्नापर का प्रशिक्षण लिया। वह सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारी पूरे संकल्प से पूरी कर रही हैं।

सुमन की प्रतिबद्धता और हथियार संचालन में कुशलता के कारण उनका चयन स्नाइपर प्रशिक्षण के लिए हुआ था।

प्रशिक्षण में 56 जवानों में वह एकमात्र महिला थी। मार्च 2024 में कोर्स पूरा कर प्रशिक्षक ग्रेड प्राप्त किया है। वह वर्ष 2021 में बीएसएफ में भर्ती हुई थीं।

सीमा सुरक्षा बल की जिम्मेदारी देश की सीमाओं की रक्षा करना है, जहां हर पल दुश्मनों की निगाहें लगी रहती हैं। स्नाइपर की भूमिका इसमें सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि स्नाइपर को दूर से ही दुश्मनों के खतरनाक हमलों को रोकने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

कठोर प्रशिक्षण व साहस से चुनौतियों को पार किया

एक स्नाइपर के लिए उच्च स्तर की निशानेबाजी, धैर्य, कुशल रणनीति और तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी मन को शांत रखने की क्षमता बेहद जरूरी होती है। सुमन ठाकुर ने अपने कठोर प्रशिक्षण और अदम्य साहस के बल पर इन सभी चुनौतियों को पार किया और बीएसएफ की पहली महिला स्नाइपर बनने का गौरव प्राप्त किया।

महिला सशक्तीकरण की मिसाल

सुमन की सफलता केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का मील का पत्थर नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। सीमा पर बीएसएफ की पहली महिला स्नाइपर बनकर सुमन ने यह सिद्ध किया है कि महिलाओं के लिए कोई भी क्षेत्र असंभव नहीं है। उनकी इस उपलब्धि ने अन्य महिलाओं को सुरक्षा बलों में जाने के लिए प्रेरित किया है। यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अन्य महिलाओं को भी अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।

4.09 किलोग्राम की स्नाइपर के साथ 12 किलोमीटर की पेट्रोलिंग

प्रशिक्षण के बाद वह पंजाब में भारत-पाक सीमा पर तैनात हैं। 4.09 किलोग्राम की स्नाइपर के साथ हर दिन सुबह, दोपहर व शाम को चार-चार किलोमीटर तक पेट्रोलिंग करती हैं। वल्लभ कॉलेज मंडी से बीकाम व एमए की पढ़ाई की है। सुमन का सपना अपने परिवार की पहली महिला सैनिक बनने का था। इसी को पूरा करने के लिए 2021 में वह पंजाब बटालियन में सब इंस्पेक्टर नियुक्त हुई थी। माता माया देवी और पिता दिनेश ठाकुर कहते हैं कि बेटी देश की रक्षा कर रही हैं। यह हमारे लिए सबसे बड़ी बात है। हमारा सहयोग उसको हमेशा था और रहेगा।

अधिकारी बोले थे, आपकी देश को जरूरत

सुमन बताती हैं कि मैंने जब स्नाइपर प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया था तो अधिकारी मेरा आवेदन देखकर खुश हुए थे और कहा था कि इस देश को आप जैसे युवाओं की जरूरत है। पुरुष जवानों के साथ प्रशिक्षण के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं आई। अब ड्यूटी के दौरान भी अधिकारियों का पूरा सहयोग रहता है।

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