'मस्जिद का अवैध निर्माण नहीं गिराया तो...', हिंदू संगठनों ने दी चेतावनी; कहा- सिर्फ 3 दिन शेष
मंडी की जेल रोड मस्जिद के अवैध निर्माण को हटाने के लिए नगर निगम आयुक्त न्यायालय ने 30 दिन का समय दिया था। यह अवधि 12 अक्टूबर को समाप्त हो रही है। मुस्लिम पक्ष को अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। देवभूमि संघर्ष समिति ने आगामी रणनीति बनाई है। अगर दो दिन में अवैध निर्माण नहीं हटा तो 15 अक्टूबर को निगम कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, मंडी। मंडी की जेल रोड मस्जिद के अवैध निर्माण को हटाकर पुरानी स्थिति बहाल करने की अवधि समाप्त होने में अब मात्र तीन दिन बचे हैं। नगर निगम आयुक्त न्यायालय के निर्णय की अवधि 12 अक्टूबर को समाप्त हो रही है।
मुस्लिम पक्ष को अभी कहीं से कोई राहत नहीं मिली है। इसी बीच देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बुधवार को मंडी में बैठक कर इस मामले को लेकर आगामी रणनीति बनाई है। बैठक में तय हुआ कि अगर दो दिन के अंदर मस्जिद का अवैध निर्माण हटाकर पुरानी स्थिति बहाल नहीं की गई तो विभिन्न संगठन 15 अक्टूबर को निगम कार्यालय का घेराव करेंगे।
बिना नक्शा पाए करवाए कर दिया दो मंजिल का निर्माण
बैठक के बाद समिति के पदाधिकारियों ने आयुक्त न्यायालय के निर्णय की कॉपी के लिए आवेदन किया है। संघर्ष समिति में कई कानूनविद शामिल हैं। वह आयुक्त न्यायालय के निर्णय का अध्ययन करेंगे। निगम आयुक्त न्यायालय ने 13 सितंबर को अपने निर्णय में मुस्लिम पक्ष को 30 दिन के अंदर जेल रोड मस्जिद में पुरानी स्थिति बहाल करने का आदेश दिया था।मुस्लिम पक्ष ने बिना नक्शा पाए करवाए, यहां दो मंजिल का निर्माण कर दिया था। नगर निगम ने निर्माण कार्य रोकने के लिए दो नोटिस भी दिए थे, लेकिन काम नहीं रोका था। अब पानी व बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है।
राजस्व रिकॉर्ड में मात्र 45 वर्गमीटर में मस्जिद
राजस्व विभाग के रिकार्ड में खसरा नंबर 2216 में मात्र 45 वर्गमीटर क्षेत्र में मस्जिद दर्ज है। 1280 खसरा नंबर के 154.78 वर्गमीटर में गैर मुमकिन देव स्थान दर्ज है। संघर्ष समिति से जुड़े लोग मुस्लिम पक्ष पर देव स्थान पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं।इस मामले को लेकर न्यायालय में जाने की तैयारी कर ली है। खाता खतौनी संख्या 712/ 884 की मालिक हिमाचल सरकार है। इस पर भी मुस्लिम पक्ष का कब्जा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।