क्या है शानन प्रोजेक्ट? पंजाब से क्यों मांग रहा हिमाचल, सीएम सुक्खू बोले- छोटा भाई समझकर सौंपे
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से जोगेंद्रनगर के शानन प्रोजेक्ट को हिमाचल प्रदेश को सौंपने की मांग की है। शानन प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज अवधि पूरी हो चुकी है और हिमाचल सरकार लंबे समय से इस पर अपने अधिकार की मांग कर रही है। उम्मीद है कि पंजाब सकारात्मक रुख अपनाएगा।
जागरण संवाददाता, मंडी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जोगेंद्रनगर के शानन प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज अवधि पूरी हो चुकी है। यह मामला पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी उठाया है। हिमाचल को छोटा भाई समझ पंजाब शानन प्रोजेक्ट सौंपे। उम्मीद जताई कि पंजाब सरकार सकारात्मक रुख अपनाएगी।
प्रोजेक्ट का निर्माण 1932 में हुआ था, तबसे प्रोजेक्ट का प्रबंधन पंजाब सरकार के पास है। हिमाचल काफी समय से इस प्रोजेक्ट पर अपने अधिकार की मांग करता आ रहा है। प्रोजेक्ट हिमाचल की भूमि पर स्थित है, प्रदेश को इसका लाभ मिलना चाहिए।
सुक्खू ने घोषणा की कि शानन प्रोजेक्ट हिमाचल के अधीन आता है, तो सरकार इसे और अधिक विकसित करने की योजना बनाएगी। इससे प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और ऊर्जा उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। हिमाचल सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष तथ्यों सहित रखेगा और जो भी फैसला होगा वह मान्य होगा।
मुख्यमंत्री ने मशीनरी की स्थिति व बिजली उत्पादन का जायजा भी लिया। इससे पहले उन्होंने शानन प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रोजेक्ट की मशीनरी और विद्युत उत्पादन का जायजा लिया। इसके बाद निजी स्कूल के बच्चों से भेंट की।
ऊहल प्रोजेक्ट: जनवरी तक विद्युत उत्पादन
मुख्यमंत्री ने ऊहल प्रोजेक्ट के तृतीय चरण के जलाशय का निरीक्षण किया। संप्रभु गारंटी के रूप में 85 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत करने के निर्देश दिए। इससे पूर्व इसी वर्ष मार्च में 100 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट को इस मद के तहत प्रदान किए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई साल से इस प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है। इस कारण इसकी लागत बढ़ी है। इस माह के अंत तक जलाशय में पानी भरने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। संभवत: दिसंबर अंत या जनवरी तक विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।
पूर्व की गई गलतियों से बढ़ी प्रोजेक्ट की लागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में की गई गलतियों से ऊहल प्रोजेक्ट की लागत बढ़ी है। प्रदेश सरकार विद्युत बोर्ड को लगभग 2200 करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है। ऊर्जा उत्पादन से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिए संबंधित अधिकारियों को शक्तियों के हस्तांतरण पर भी प्रदेश सरकार विचार कर रही है।
इससे पूर्व ऊहल प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक देवेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को एक वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से परियोजना कार्य की जानकारी प्रदान की।