Himachal में भूस्खलन क्यों हो रहा है... जांच में जुटी GSI की टीम; मिट्टी से होगा खुलासा
Himachal Landslide हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के टारना की पहाड़ी में भूस्खलन व भूधंसाव क्यों हो रहा है इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) एक सप्ताह में प्रशासन को देगा। आइआइटी मंडी के दो विशेषज्ञों ने निरीक्षण कर पहाड़ी को बचाने के लिए कई बहुमूल्य सुझाव दिए हैं। इसमें राक बोल्टिंग व पानी निकासी की उचित व्यवस्था करना शामिल है।
मंडी, जागरण संवाददाता। मंडी शहर के टारना की पहाड़ी में भूस्खलन व भूधंसाव क्यों हो रहा है, इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) एक सप्ताह में प्रशासन को देगा।
इसके आधार पर प्रयोगात्मक भूगर्भीय अध्ययन होगा। अंतिम रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन पहाड़ी को बचाने के लिए उपायों पर काम करेगा।
विशेषज्ञ पहाड़ी को बचाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को देंगे।
आइआइटी मंडी के दो विशेषज्ञों ने निरीक्षण कर पहाड़ी को बचाने के लिए कई बहुमूल्य सुझाव दिए हैं। इसमें राक बोल्टिंग व पानी निकासी की उचित व्यवस्था करना शामिल है। आइआइटी के विशेषज्ञ पहाड़ी को बचाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को देंगे।
मिट्टी व कंक्रीट से लिए गए सैंपल
टारना की पहाड़ी क्यों दरक रही है, इसके कारणों का पता लगाने भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी की टीम ने सोमवार को संयुक्त सर्वेक्षण किया। जीएसआइ के दो सदस्यीय दल ने पहले दिन आइआइटी मंडी के दो प्राध्यापकों व स्थानीय प्रशासन के साथ मंगवाई, टारना, सन्यारढ़ी व आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
टारना में जलशक्ति विभाग कार्यालय भवन में आई दरारों के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व जिला एवं सत्र न्यायाधीश आवास का मुआयना किया और मिट्टी व कंक्रीट के सैंपल भरे।
रिपोर्ट के अनुरूप रोकथाम के लिए कदम उठाएंगे
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि जिले में भूस्खलन व भू धंसाव की अधिक घटनाएं हुई हैं। इन्हें देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जियोलाजिकल सर्वे करवाकर इसके कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं।
इसी संदर्भ में भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम आइआइटी के प्राध्यापकों के साथ मंडी में गहनता से सर्वेक्षण कर रही है। रिपोर्ट के अनुरूप वर्तमान में इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाने के साथ भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
टारना की पहाड़ी में बने 23 घर ध्वस्त हुए हैं
जिले में 699 के करीब घर ध्वस्त हो चुके हैं और कई घरों में दरारें आई हैं। भूधंसाव से कई घरों को खतरा पैदा हो गया है। त्वरित समाधान के साथ दीर्घकालिक उपायों को लेकर कार्ययोजना बनाने के लिए प्रदेश सरकार व्यापक भूगर्भीय सर्वेक्षण करवा रही है।
टारना की पहाड़ी में बने 23 घर ध्वस्त हुए हैं। 50 से अधिक घरों में दरारें आई हैं। इन सभी घरों को प्रशासन ने असुरक्षित घोषित कर दिया है। सर्वेक्षण के बाद टीम के सदस्यों ने उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी से भेंट कर उन्हें एक सप्ताह में प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने की बात कही।
टीम में ये रहे शामिल
भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण के दल में विज्ञानी श्रेयसी महापात्रा व वांग्शीतुला ओझुकम शामिल हैं। संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान आइआइटी मंडी के जियोस्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापक डॉ. आर प्रसन्ना व डॉ. रजनीश शर्मा, एसडीएम सदर मंडी ओमकांत ठाकुर, नगर निगम मंडी, विद्युत बोर्ड, लोक निर्माण व जलशक्ति विभाग के अधिकारी साथ रहे।
आज सरकाघाट का सर्वेक्षण करेगी टीम
मंगलवार को टीम सरकाघाट के जुकैण, बुधवार व गुरुवार को धर्मपुर के रिऊर में सर्वेक्षण करने के बाद शुक्रवार को उपायुक्त मंडी को रिपोर्ट सौंपेगी।