Mandi News: व्यवस्था हारी लेकिन पत्नी का हौसला नहीं, दिव्यांग पति को गोद में उठाकर पेशी के लिए पहुंची महिला
मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल के लघु सचिवालय में प्रशासन की अव्यवस्था का नजारा देखने को मिला। एसडीएम कोर्ट (SDM Court) में पेशी के लिए एक महिला अपने दिव्यांग पति को गोद में उठाकर चौथी मंजिल तक ले गई। कार्यालय में लिफ्ट की व्यवस्था न होने के कारण बुजुर्गों और दिव्यांगों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है।
भुताशन शर्मा, सरकाघाट। मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल के लघु सचिवालय में मंगलवार को व्यवस्था हारी,लेकिन एक पत्नी का हौसला नहीं। दिव्यांग पति को गोद में उठाकर पत्नी चौथी मंजिल तक ले गई। वहां एसडीएम कोर्ट में पेशी में हाजिरी भरी। पेशी के बाद फिर दिव्यांग पति को उठाकर नीचे लेकर आई।
आम लोगों के अलावा यहां जिनके कंधों पर व्यवस्था का दायित्व है उनका दिल भी नहीं पसीजा। आखिर पसीजता भी कैसे छह माह से ऐसा नजारा देखने के अभ्यस्थ जो हो चुके हैं। अफसरशाही के कानों पर अगर जूं रेंगी होती तो 60 वर्ष की सुकरी देवी को आज इस पीड़ा से नहीं गुजरना पड़ता। लघु सचिवालय में लगी लिफ्ट छह माह से खराब है। मरम्मत के लिए छह लाख रुपये की दरकार है। बात अभी पत्राचार तक सीमित है।
दरअसल टिक्कर पंचायत के धरमैणी गांव के 70 वर्ष के अपाहिज शंकर दास की भूमि विवाद को लेकर मंगलवार को एसडीएम कार्यालय में पेशी थी। उनका अपनी बहनों और ग्रामीणों के साथ भूमि विवाद चल रहा है। सरकाघाट उपमंडल मुख्यालय से टिक्कर 35 किलोमीटर दूर है। बस सुबह शाम आती जाती है। शंकर दास टिक्कर पंचायत का वार्ड सदस्य रह चुका है। कुछ वर्ष पहले अधरंग का अटैक पड़ने से वह दिव्यांग हो चुका है। चलने फिरने में असमर्थ है।
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छह महीने से खराब पड़ी लिफ्ट
अगर किसी कार्य से घर से बाहर जाना हो तो स्वजन वाहन की व्यवस्था करते हैं। पेशी के लिए शंकर दास को घर से वाहन में लेकर आए थे। लघु सचिवालय में पहुंच लिफ्ट से जाने लगे तो पता चला छह माह से खराब है। पत्नी सुकरी देवी ने शंकर दास को अपनी गोद में उठा और पहाड़ जैसा हौसला कर सीढ़ियों से होकर चौथी मंजिल पर पहुंच गई। सुकरी देवी की मदद के लिए बेटी ने भी हाथ बढ़ाया। कोई भाई न होने से वह अपने मां बाप के पास रहती है।
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