खुशखबरी! IIT मंडी में म्यूजिक और टेक्नोलॉजी के तालमेल से निकलेंगी नई धुनें; अब युवा संगीत में भी कर सकेंगे MS और PhD
Himachal News हिमाचल प्रदेश में आईआईटी मंडी (IIT Mandi) में अब युवा संगीत में एमएस (MS) और पीएचडी (PhD) कर सकते हैं। गीत व संगीत चिकित्सा का पाठयक्रम डिजाइन करने में देश-विदेश के कई प्रसिद्ध विभूतियों ने योगदान दिया है। यह युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य पर संगीत के प्रभाव को सीखने का मजबूत आधार देगा। ऑनलाइन कर सकते हैं ये कोर्स
जागरण संवाददाता, मंडी। संगीत व प्रौद्योगिकी के तालमेल से अब नई धुनें निकलेंगी, जिससे मनुष्य के मन, शरीर व चेतना का समग्र विकास होगा। युवा संगीत विधा के विशेषज्ञ बनकर शोध कर पाएंगे।
संगीत का मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह बताने में सक्षम बन पाएंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी ने इस दिशा में पहल की है। देश के युवा संगीत व संगीत चिकित्सा में मास्टर ऑफ साइंस (एमएस-शोध) व पीएचडी कर सकेंगे।
अगस्त से शुरू होंगे कोर्स
कोर्स अगस्त से शुरू होंगे, जिसके लिए 15 जुलाई तक आवेदन किया जा सकता है। विभिन्न शोध से साबित हो चुका है कि संगीत, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी के बीच तालमेल बैठाकर व्यक्तिगत और सामूहिक प्रगति हासिल की जा सकती है।इसी क्षमता को पहचानते हुए आईआईटी के सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम एंड मेंटल हेल्थ एप्लीकेशन (आइकेएसएचएमए) ने दोनों कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह पहल अंतः विषयी शिक्षा को बढ़ावा देने और भारतीय संगीत के सम्मानित क्षेत्र तथा तेजी से विकसित हो रहे संगीत चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगी।
डिजाइन करने में देश-विदेश के कई प्रसिद्ध विभूतियों का योगदान
यह कार्यक्रम पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों छात्रों के लिए है। इसे लाइव ऑनलाइन या हाइब्रिड प्रारूप में कर सकते हैं। संगीत व संगीत चिकित्सा का पाठयक्रम डिजाइन करने में देश-विदेश के कई प्रसिद्ध विभूतियों ने योगदान दिया है।यह भी पढ़ें: Dalai Lama Birthday: 88 साल के हुए धर्मगुरु, मैक्लोडगंज के बौद्ध मंदिर में होगी पूजा-अर्चना; सिक्किम के CM होंगे शामिल
पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित डा. सोनल मान सिंह, कनाडा के यार्क विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं ताल विशेषज्ञ प्रो. त्रिची शंकरनय, भारतीय विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान बेंगलुरु के प्राध्यापक एवं प्रख्यात विज्ञानी डा. गौतम देसिराजू कार्यक्रम के प्रमुख सलाहकार हैं। चित्रवीणा एन रविकिरण ने अग्रणी संगीत शिक्षा पोर्टल के सहयोग से कार्यक्रम के कुछ हिस्से को डिजाइन किया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।