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Himachal News: राज्य में बनेंगे 16 नए हेलीपोर्ट, पर्यटन विकास में 3 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी हिमाचल सरकार

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए हिमाचल सरकार 3000 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी साथ ही राज्य में 16 नए हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। जिससे पर्यटकों को आवागमन में आसानी रहे। इन हेलीपोर्ट का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए ये अहम कदम उठाया है।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 02 Sep 2023 06:16 PM (IST)
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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी सुक्खू सरकार।

शिमला, राज्य ब्यूरो: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में हवाई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। जिसके चलते 16 हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। ऐसा करने से घरेलू और विदेशी पर्यटक इच्छानुसार पसंदीदा पर्यटन स्थल पर पहुंच सकेगा। सरकार कांगड़ा हवाई अड्डा का विस्तार कर रही है, जिससे उड़ानों की संख्या बढ़ सके और यहां पर बड़े हवाई जहाज उतर और उड़ान भर सके।

उनका कहना है कि अब पर्यटन की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में हर साल पांच करोड़ पर्यटकों के आवागमन के लक्ष्य की पूर्ति के लिए हवाई सेवा की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। राज्य में हवाई सेवा को सुदृढ़ करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी जिला मुख्यालयों और जनजातीय क्षेत्रों में 16 हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार पर्यटन अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण और पर्यटकों के लिए सुविधाओं में सुधार पर विशेष बल दे रही है।

पर्यटन विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी सुक्खू सरकार

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनाने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत आगामी समय में कई नई परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी और राज्य सरकार पर्यटकों की यात्राओं को अधिक मनोरंजक, सुलभ एवं अविस्मरणीय बनाने के लिए क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार भी किया जा रहा है।

पहले चरण में होगा इन जगहों पर हेलीपोर्ट का निर्माण

पहले चरण में बनने वाले हेलीपोर्ट जिला हमीरपुर के जसकोट, जिला कांगड़ा के रक्कड़ और पालमपुर, जिला चंबा के सुल्तानपुर, जिला कुल्लू के मनाली, जिला लाहुल-स्पीति के जिस्पा, सिस्सू और रंगरीक तथा जिला किन्नौर के शारबो में नौ हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे। सुल्तानपुर, रक्कड़, पालमपुर और जसकोट में हेलीपोर्ट निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्राप्त हो गई है।

दूसरे चरण में होंगे 7 हेलीपोर्ट का निर्माण

वहीं, दूसरे चरण में बनने वाले शेष 7 हेलीपोर्ट स्थापित किए जाएंगे। यह हेलीपोर्ट जिला चंबा के पांगी और होली, जिला बिलासपुर के औहर, जिला सिरमौर के धारकियारी, जिला शिमला के चांशल पास, जिला ऊना के जनकौर हार और जिला के जिला सोलन के गनालग में निर्मित किए जाएंगे। रक्कड़ हेलीपोर्ट की स्थापना के लिए एफसीए स्वीकृति प्राप्त हो गई है और जसकोट, मनाली, जिस्पा, सिस्सू, रंगरिक, पांगी और होली सहित 6 हेलीपोर्ट के एफसीए मामले पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं।

हेलीपोर्ट और हेलीपैड में अंतर?

हेलीपोर्ट और हेलीपैड में एक बड़ा अंतर ये रहता है कि हेलीपैड पर केवल हेलीकॉप्टर उतर और उड़ान भर सकता है। जबकि हेलीपोर्ट में हवाई अड्डों जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। हेलीपोर्ट में सुरक्षा का प्रबंध रहता है और यहां पर 18 सीटर फिक्स पंख वाले एयर क्राफ्ट उतरने की सुविधा रहती है। इस समय राज्य के तीन हेलीपोर्ट पर गैर शेडयूल उड़ानों की केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत सुविधा प्राप्त है। वर्तमान में पवन हंस कंपनी का 11 सीटर हेलीकॉप्टर हेलीटैक्सी सुविधा प्रदान करता है। सामान्य तौर पर इसमें कई कारणों के चलते 6-8 लोगों को ही बिठाया जाता है।