शिमला: रोहिंग्याओं को रखा जा रहा काम पर, बेखबर है पुलिस प्रशासन
शिमला में रोहिंग्याओं को काम पर रखा जा रहा है। रोहिंग्या शिमला में पहुंच गए, मगर पुलिस प्रशासन बेखबर है।
By Arti YadavEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 08:46 AM (IST)
शिमला (प्रकाश भारद्वाज)। रोहिंग्याओं को भारत सरकार शरणार्थी न मानते हुए देश से बाहर भेजना चाहती है। वहीं, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इन्हें काम पर रखा जा रहा है। रोहिंग्या शिमला में पहुंच गए, मगर पुलिस प्रशासन बेखबर है। मामला उजागर करने पर जांच की बात हो रही है, मगर सवाल यह है कि जिन रोहिंग्या को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है, वे शिमला तक कैसे पहुंच गए।
नगर निगम शिमला ने पांच वार्डो टुटू, मछयाठ, बालूगंज, कच्चीघाटी व टूटीकंडी में सफाई व्यवस्था को आउटसोर्स किया है। इसके तहत एनके कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया गया है। यह कंपनी जम्मू से रोहिंग्याओं को कूड़ा एकत्रीकरण के लिए शिमला लेकर आई है। इस कंपनी ने 40 कर्मचारी नियुक्त किए हैं। इनमें रोहिंग्याओं के अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश व बिहार से लोगों को कूड़ा एकत्रित करने के लिए रखा गया है। ये लोग शिमला में घर-घर जाकर कूड़ा उठाएंगे।इससे पहले कि शिमला में सफाई कार्य शुरू हो, शहर में पहुंचे 12 रोहिंग्याओं ने रहने के लिए अस्थायी ठिकाना तलाश लिया है। अब ये लोग परिवार को लेने जम्मू गए हैं। शिमला में काफी संख्या में बांग्लादेशी भी रह रहे हैं। ये लोग निर्माणाधीन भवनों में लकड़ी का काम करते हैं। टाइल्स के काम में भी ये माहिर हैं।
यूएन का पहचान पत्रशिमला के उपनगर टुटू में एक रोहिंग्या ने लोगों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का पहचान पत्र दिखाया। लोगों ने रोहिंग्या से बात करने का प्रयास किया तो उसे हिंदी समझ नहीं आ रही थी।
कौन हैं रोहिंग्या?म्यांमार की बहुसंख्यक आबादी बौद्ध है। यहां अनुमान के मुताबिक 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि वे मुख्य रूप से अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं जिन्हें सरकार ने नागरिकता देने से इन्कार कर दिया है। हालांकि ये म्यांमार में पीढ़ियों से रह रहे हैं। 16 हजार रोहिंग्या मुसलमान संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थियों के तौर पर पंजीकृत हैं।
शिमला के पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल का कहना है कि रोहिंग्या के आने की सूचना हमें दैनिक जागरण से मिली है। पहचान पंजीकरण के बिना कोई भी शहर में नहीं रह सकता है। रोहिंग्या के आने के मामले में जांच की जाएगी।