31 मार्च तक खुले रहेंगे पर्यटन निगम के 9 होटल, लाभ में नहीं आए तो दोबारा जारी होंगे आदेश; हाई कोर्ट ने दी अनुमति
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एचपीटीडीसी के 9 घाटे में चल रहे होटलों को 31 मार्च 2025 तक चलाने की सशर्त अनुमति दी है। यदि ये होटल लाभ में नहीं आते हैं तो आदेश का पुनर्विचार किया जाएगा। कोर्ट ने पहले 18 होटलों को बंद करने का आदेश दिया था। कुछ होटलों को सुधार के लिए मौका दिया गया है।
विवि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे नौ होटलों को 31 मार्च 2025 तक चलाने की सशर्त अनुमति दी है।
कोर्ट ने कहा कि यदि 31 मार्च तक ये होटल लाभ में नहीं आए और अधिकतम प्रदर्शन नहीं दिखा पाए तो आदेश का दोबारा अवलोकन कर उपयुक्त आदेश जारी किए जाएंगे। प्रदेश सरकार के आवेदन पर न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने यह आदेश पारित किए।
घाटे में चल रहे 56 होटल
इससे पहले हाई कोर्ट ने 19 नवंबर को एचपीटीडीसी के 56 होटलों में से घाटे में चल रहे 18 होटलों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए थे। कोर्ट ने इस आदेश का कारण स्पष्ट करते हुए कहा था कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन विकास निगम की ओर से इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न हो।पर्यटन विकास निगम संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना स्वाभाविक रूप से राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है।पर्यटन निगम की ओर से बताया गया था कि हाई कोर्ट ने जिन होटलों को बंद करने संबंधी आदेश पारित किए हैं, उनमें एडवांस बुकिंग्स और अन्य इवेंट्स निपटाने का समय दिया जाए। निगम ने कुछ होटलों में पर्याप्त सुधार के लिए सहानुभूति दिखाते हुए एक अवसर प्रदान कर खोलने की अनुमति देने की मांग की थी।
इन होटलों को मिली राहत
द पैलेस होटल चायल, होटल चंद्रभागा केलंग, होटल देवदार खजियार, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल लाग हट्स मनाली, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल कुंजुम मनाली और होटल द कैसल नग्गर।
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