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स्वास्थ्य मंत्री बिंदल ने दिया त्यागपत्र

By Edited By: Updated: Tue, 26 Jun 2012 01:03 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री राजीव बिंदल को आखिर एक बार फिर से अपने मंत्री पद छोड़ना पड़ा। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पद से त्याग पत्र देते हुए पार्टी मुख्यालय में महामंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल ली। बिंदल ने अपना त्यागपत्र सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रेषित किया। हालांकि मुख्यमंत्री के भरमौर दौरे पर जाने के कारण त्यागपत्र वापस शिमला पहुंचने के बाद ही स्वीकार किया जाएगा। पार्टी के भीतर पैदा गतिरोध तथा कांग्रेस द्वारा सत्र के दौरान विधानसभा के भीतर बिंदल के खिलाफ मोर्चा खोला तथा सदन के बाहर हिलोपा ने बिंदल को घेरे रखा। जिसके कारण बिंदल ने विधानसभा सत्र के बीच पद से त्याग पत्र दिया। हालांकि मुख्यमंत्री ने उस समय बिंदल का त्यागपत्र अस्वीकार करते हुए उनके ऊपर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था। इस्तीफा नामंजूर होने के कारण बिंदल सत्र के दौरान कांग्रेस के निशाने पर रहे। बिंदल ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए अपने विरोधियों के खिलाफ मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया।

पार्टी के भीतर पैदा गतिरोध भी बिंदल पर भारी पड़ा। दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने दो टूक शब्दों में बिंदल को मंत्री पद छोड़ संगठन की जिम्मेवारी संभालने के लिए कहा था।

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विवादों से पुराना नाता

राजीव बिंदल शांता गुट के हमेशा निशाने पर रहे। वर्ष 2007 में टिकट आबंटन को लेकर भी शांता गुट ने बिंदल को टिकट देने पर आपत्ति दर्ज की थी। मगर धूमल गुट ने पैरवी करते हुए बिंदल का टिकट पक्का करवाया। चुनाव के बाद बिंदल को मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मंत्री बनाना चाहते थे। मगर शांता गुट रमेश ध्वाला को मंत्री बनाने की कवायद में जुटा था। जिसके कारण मुख्यमंत्री ने बिंदल व ध्वाला दोनों को मंत्री पद से नवाजा। मंत्री पद छोड़ने के बाद पार्टी में महामंत्री की नई जिम्मेवारी को बिंदल कहां तक बिना विवादों के निभा पाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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