Move to Jagran APP

Himachal Disaster: समेज में आपदा के 10 दिन बाद भी बिजली ठप, लोग जनरेटर की मदद से मोबाइल चार्ज करने को मजबूर

Himachal Disaster हिमाचल प्रदेश के समेज में आपदा के 10 दिन बाद भी बिजली बहाल नहीं हुई है। लोग जनरेटर की मदद से मोबाइल चार्ज कर रहे हैं। आपदा में बिजली की तारें और खंबे टूट गए थे। इस वजह से रात के समय तो दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं लेकिन दिन में भी प्रभावितों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं।

By narveda kaundal Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 10 Aug 2024 11:07 AM (IST)
Hero Image
हिमाचल के समेज में आई आपदा से बिजली सप्‍लाई ठप
अतुल कश्यप, रामपुर बुशहर। उपमंडल रामपुर के समेज (Samej Cloud Burst) 31 जुलाई की रात से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है। आज दस दिन बाद भी बिजली की सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है। हालांकि विद्युत बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी युद्ध स्तर पर बिजली बहाल करने में डटे हुए हैं, लेकिन बाढ़ में बोर्ड के ट्रांसफार्मर, बिजली के खंबे और तारें बह जाने के बाद सारा काम नए सिरे से करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही परेशानियां

दस दिनों से बिजली न होने से ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। रात के समय तो दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं, लेकिन दिन में भी प्रभावितों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। वहीं लोग अपने रिश्तेदारों से बात करने के लिए जनरेटर की मदद से मोबाइल चार्ज करने को मजबूर हैं।

इसके लिए भी ग्रामीणों को कई-कई घंटे अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि एक समय में दर्जनों मोबाइल जनरेटर से चार्ज किए जा रहे हैं। फिर भी दिन तो जैसे-तैसे कट जाता है, लेकिन रात होने पर दिक्कतें बढ़ जाती हैं। रात में एक तो अंधेरा और दूसरा बार-बार हो रही बारिश ग्रामीणों को और अधिक डरा रही है।

समेज से सरघा सरपारा सड़क बाधित

गुरुवार रात को हुई भारी बरसात से समेज से सरघा सरपारा सड़क का काफी हिस्सा ढह जाने से बाधित हो गई है। समेज में सड़क धंसने से लोगों की समस्या और अधिक बढ़ गई है। क्योंकि यह सड़क समेज से आगे कई गांव को जोड़ती है, ऐसे में अब लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हो गए हैं।

यह भी पढ़ें: Himachal News: 'मानसून से इस साल 900 करोड़ रुपये का नुकसान, केंद्र से नहीं मिली राहत'; CM सुक्‍खू ने बीजेपी पर कसा तंज

वहीं इन दिनों सेब का सीजन शुरू हो गया है। लोगों को अपनी सेब फसल को मंडियों में पहुंचाने की सबसे बड़ी चिंता सता रही है। वहीं बारिश होने से यहां के लोग काफी सहम गए हैं। लोगों का कहना है कि जैसे ही भारी बारिश होती है तो डर लग जाता है कि फिर से कहीं बादल फटने की घटना न हो जाए और हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिले।

रामपुर के नोगली में मिला कल्पना का शव

समेज त्रासदी के बाद चल रहे सर्च ऑपरेशन में वीरवार को नोगली में एक महिला का शव बरामद हुआ है। रेस्क्यू टीम ने शव को कब्जे में ले लिया है। वहीं शव की पहचान कल्पना कुमारी पत्नी जयसिंह के रूप में हुई है, जोकि ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट में कार्यरत थी।

यह भी पढ़ें: Himachal Landslide: हिमाचल में भारी बारिश से भूस्‍खलन, 128 सड़कें बंद; मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

शव को पोस्टमार्टम के लिए रामपुर अस्पताल भेजा जा रहा है। यह जानकारी एसडीएम निशांत तोमर ने दी। अभी तक रामपुर आसपास व सुन्नी में मिले शवों की संख्या 15 हो गई है और 4 शवों की ही अभी तक पहचान हो पाई है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।