Himachal News: दिल्ली के बाद अब जयपुर मेट्रो में भी मिलेगा हिमाचली सेब जूस, यात्रियों के लिए लगेंगे 85 बिक्री बूथ
Himachal News दिल्ली मेट्रो के बाद अब जयपुर मेट्रो में भी हिमाचली सेब जूस मिलेगा। इसके लिए जयपुर मेट्रो रेल निगम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। अब मेट्रो के विभिन्न स्टेशनों में कियोस्क यानि बूथ चयनित करने का कार्य चल रहा है। बिक्री बूथ चयनित होने के बाद जयपुर मेट्रो स्टेशन पर हिमाचली सेब जूस यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेगा।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश विपणन निगम (HPMC) के सेब जूस को सरकार जयपुर मेट्रो में भी उपलब्ध करवाने की दिशा में प्रयास कर रहा है। इसके लिए जयपुर मेट्रो रेल निगम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।
अब मेट्रो के विभिन्न स्टेशनों में कियोस्क यानि बूथ चयनित करने का कार्य चल रहा है। बिक्री बूथ चयनित होने के बाद जयपुर मेट्रो स्टेशन पर हिमाचली सेब जूस यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेगा।
सर्वे में 85 बिक्री बूथ लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू
अभी तक सर्वे में 85 बिक्री बूथ लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। सेब के जूस के अतिरिक्त एप्पल कंसंट्रेट, वाइन, सिरका सहित कई अन्य उत्पाद उपलब्ध होंगे। अभी दिल्ली मेट्रो में 45 बूथ पर हिमाचली सेब की बिक्री शुरू हो चुकी है। निगम देश के महानगरों सहित दूसरे स्थानों पर 500 टन सेब जूस, सेब कंसंट्रेट बेचता है और जूस सहित अन्य पेय पदार्थों का 30 करोड़ का कारोबार करता है।यह भी पढ़ें: Himachal News: 'मंच पर बोलने से पहले इतिहास पढ़कर आएं कंगना', विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी पर कसा तंज
निगम सालाना 1500 टन कंसंट्रेट तैयार करता है और बाजार में कंपनियों को उपलब्ध करवाता है। निगम ने रेलवे स्टेशन, सेना, एयरपोर्ट पर सेब जूस को लेकर जाने की जिम्मेदारी के लिए एचपीएमसी स्टाफ को बाजार की प्रतिस्पर्धा से प्रतियोगिता करने की जिम्मेदारी उठाने के लिए कहा है। इसके लिए बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि एचपीएमसी के मार्केटिंग स्टाफ को कारपोरेट संस्कृति में ढलना पड़ेगा, तभी बाजार में टिका रहा जा सकता है।
चुनाव आयोग से अनुमति मांगी
जयपुर मेट्रो में सेब के जूस की बिक्री शुरू करने के लिए कुल 85 बिक्री बूथ स्थापित होने हैं। इसके अतिरिक्त शेष औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। शुगर फ्री सेब का जूस एचपीएमसी की ओर से उपलब्ध करवाया जाता है। इसकी निगम की ओर से गारंटी ली जाती है कि सेब के जूस में किसी प्रकार से मिठास बढ़ाने के लिए चीनी या अन्य पदार्थों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
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सेब से जूस और अन्य तरह के पेय का उत्पादन सबसे पहले मंडी जिला के जड़ोल में इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट के तहत 1074 में संयंत्र स्थापित किया गया था। उसके बाद सोलन जिला के परवाणू में दूसरा संयंत्र 1980 में विश्व बैंक की मदद से स्थापित हुआ और पिछले वर्ष 2023 में बागवानी मिशन के सहयोग से शिमला जिला के पराला में संयंत्र स्थापित किया गया।
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