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Property Tax: नगर निगम चुनाव के बाद शहरवासियों पर पड़ सकती है टैक्स में बढ़ोतरी की मार

Property Tax 2020 में नगर निगम के सदन ने हर साल के बजाय तीसरे साल संपत्ति कर की दर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के फैसले को सदन में पारित किया था। अब फिर से इसे लागू करने की तैयारी चल रही है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 06 May 2023 10:28 AM (IST)
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नगर निगम चुनाव के बाद शहरवासियों पर पड़ सकती है टैक्स में बढ़ोतरी की मार
शिमला,जागरण संवाददाता। शहर में नगर निगम चुनाव समाप्त होने के बाद अब भवन मालिकों पर संपत्ति कर की बढ़ोतरी की मार पड़ सकती है। नगर निगम ने पूर्व में हर तीन साल के बाद 10 प्रतिशत संपत्ति कर बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर रखा है। इसके मुताबिक शहर में भवन मालिकों को चालू वित्त वर्ष में संपत्ति कर पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा देना होगा। इसके मुताबिक नगर निगम प्रशासन ने इस पर फैसला सरकार के कहने पर चुनाव को देखते हुए स्थगित कर दिया था। अब फिर से इसे लागू करने की तैयारी चल रही है।

नगर निगम के सदन की पहली बैठक में ही ये प्रस्ताव मंजूरी के लिए लाया जा सकता है। 2020 में नगर निगम के सदन ने हर साल के बजाय तीसरे साल संपत्ति कर की दर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के फैसले को सदन में पारित किया था, ऐसे में अब सदन में लिए गए फैसले पर मौजूदा चुनकर आए सदन को फैसला लागू होगा या सदन इस फैसले को रद्द कर सकता है।

पूर्व सदन में लिए गए फैसले के मुताबिक शहर में 10 प्रतिशत संपत्ति कर की दरों में बढ़ोतरी के मामले को स्वीकृति प्रदान की जाएगी। इस महीने होने वाले हाउस में इस पर बड़ा फैसला लिया जाना प्रस्तावित है। प्रशासन की ओर से हाउस टैक्स में इस मामले को स्वीकृति के लिए रखा जाना है। बैठक में यदि फैसला बढ़ोतरी के हित में नहीं होगा तो पूर्व में लिए गए सदन के फैसले को पलटा जाएगा।

बजट में भी टैक्स बढ़ाने का नहीं किया गया है जिक्र

फरवरी में नगर निगम का जो वार्षिक बजट पेश किया गया था, उसमें संपत्ति कर बढ़ाने का जिक्र नहीं किया गया था। निगम का कहना था कि टैक्स बढ़ाने का फैसला पूर्व में नगर निगम के सदन में लिया गया था। ऐसे में हाउस ही इस पर अंतिम फैसला ले सकता है। अमूमन नगर निगम जो भी टैक्स व अन्य दरें शहर में पानी, कूड़े समेत अन्य तरह की बढ़ाता है उसे बजट में शामिल किया जाता है। पिछले 11 महीनों से नगर निगम का हाउस नहीं होने से प्रशासक ही अपने स्तर पर फैसले ले रहे हैं। इसलिए अब उम्मीद है कि नया हाउस कोई फैसला ले सकता है।

होगी टैक्स की दरों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी

आय बढ़ाने को ले सकते हैं फैसला यदि आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए फैसला लिया जाता है तो शहर में टैक्स की दरों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी जाएगी। निगम चुनाव को देखते हुए सरकार ने पहले ही आम जनता पर किसी तरह का कोई भी टैक्स नहीं लगाने के निर्देश दिए थे। ऐसे में नए चुनकर आए महापौर, उपमहापौर व पार्षदों को कैसे निगम की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाया जा सकता है, इसको लेकर विशेष रणनीति बनाकर काम करना होगा।

आचार संहिता समाप्त, विकास की रफ्तार होगी तेज

नगर निगम शिमला चुनाव के समाप्त होने के बाद आचार संहिता समाप्त हो गई है। ऐसे में अब फिर से शहर में विकास कार्यों में रफ्तार आएगी। चुनाव के कारण आचार संहिता लगी होने के कारण शहर में न किसी कार्य का टेंडर हो पा रहा है और न ही विकास कार्य। शहर में वर्षा व ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों और रास्तों को हो रहा है।

बारिश से सड़कों का हाल खस्ता

लगातार वर्षा से सड़कों पर गड्ढे बढ़ रहे हैं। वहीं डंगों और रास्तों के गिरने का खतरा भी बढ़ गया है। बरसात शुरू होने से पहले ही शहर में टारिंग का काम हो सकता है। अभी तक आचार संहिता के चलते टारिंग के काम करने के लिए टेंडर भी नहीं हुए थे। इसलिए गर्मियों में टारिंग का काम पूरा करना मुश्किल हो सकता है। अब उम्मीद है कि शहर में विकास कार्यों के लिए टेंडर लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।

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