Himachal Apples: मंडियों में सेब के दामों में आई गिरावट, बागवान की नहीं हो रही अच्छी कमाई
Himachal Apples हिमाचल प्रदेश के मंडियों में सेब के दामों में गिरावट महसूस की गई है। बागवान की कमाई में कमी आई है। इससे बाहरी मंडियों में सेब की अधिक आवक होने के कारण दाम में गिरावट आ रही है। इस कारण बागवान में मायूस नजर आ रहे हैं। मोटी डंडी की नाशपाती को 20 से 50 रुपये किलो के भाव मिले।
सुनील ग्रोवर, ठियोग। Himachal Apples: ठियोग उपमंडल की सेब मंडी पराला में सेब के दामों में खासी गिरावट आई है। पिछले सप्ताह 175 रुपये के दाम बिकने वाला सेब मंगलवार को गिरकर 110 रुपये प्रति किलो तक आ गया है। दाम में आई गिरावट के पीछे बागवान और आढ़तियों के अपने-अपने पक्ष हैं।
बागवानों का मानना है कि मध्यम और कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों की फसल की तुलना में अधिक ऊंचाई वाले इलाकों की फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है लेकिन फिर भी उनकी फसल को कम दाम मिलते हैं।
फसल को मंडी में मिलते हैं कम दाम
बागवानों के अनुसार हर वर्ष उनकी फसल को मंडी में कम दाम मिलते हैं। जबकि आढ़ती देश की बाहरी मंडियों में सेब की अधिक आमद को दाम गिरने का मुख्य कारण मानते हैं। उनका कहना है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सेब का तुड़ान तेज होने से मंडियों में आमद अधिक हो गई है।बागवान बाहरी मंडियों में खुद बेच रहे सेब फसल
दूसरी ओर बागवान व्यक्तिगत रूप से सेब बेचने के लिए बैंगलोर तक की मंडियों में पहुंच रहे हैं जिसके कारण मंडियों से सेब की मांग कम हुई है। इससे बाहरी मंडियों में सेब की अधिक आवक होने के कारण दाम में गिरावट आ रही है। इस कारण बागवान में मायूस नजर आ रहे हैं।
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