इसका निर्माण कार्य एक मार्च 2025 को शुरू होगा। रोपवे से लोग 12 से 15 मिनट के भीतर 13.79 किलोमीटर का सफर तय कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के बनने के बाद शिमला शहर में जाम की समस्या दूर हो जाएगी। वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) की मंजूरी के लिए सभी दस्तावेज पोर्टल पर पहली अप्रैल को अपलोड कर दिए हैं।
रोपवे रूट की लाइनों के नाम मोनाल, देवदार व एप्पल रखे हैं। न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से वित्त पोषित इस प्रोजेक्ट पर 20 प्रतिशत बजट प्रदेश सरकार खर्च करेगी। प्रोजेक्ट की जगह का बैंक की टीम फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत दो से 10 जून तक निरीक्षण कर चुकी है।
एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट 12 जुलाई को मंजूर कर दिया है। दिसंबर में प्रस्तावित एनडीबी की निदेशक मंडल की बैठक में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद त्रिपक्षीय समझौते के बाद टेंडर अवार्ड होगा।
हिमाचल प्रदेश रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन (आरटीडीसी) ने बुधवार को शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोरटेशन रोपवे प्रोजेक्ट पर सिंपोजियम कार्यक्रम का आयोजन किया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चिंतपूर्णी व रोहतांग में प्रस्तावित रज्जू मार्ग का निर्माण कार्य भी प्रदेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड व आस्ट्रेलिया की तरह हिमाचल रज्जू मार्गों का जाल बिछाएगा।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक हरीश जनार्था, रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कारपोरेशन के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गुप्ता, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, आस्ट्रेलिया व स्विट्जरलैंड के प्रतिनिधि, आरटीडीसी के निदेशक अजय शर्मा आदि उपस्थित रहे।
ये भी पढ़ें: हिमाचल में 57.1 किलोमीटर लंबे सात रोपवे से सुगम होगा सफर, यहां बनेगा विश्व का दूसरा सबसे लंबा रज्जूमार्ग
प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदू
एक घंटे में दो हजार लोग सफर कर सकेंगे। रज्जू मार्ग में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही शुरूआती तौर पर रहेगी। दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे। 2059 तक रज्जू मार्ग में तीन हजार लोगों को एक तरफ से ले जाने की व्यवस्था हो जाएगी। ऐसे में छह हजार लोग एक घंटे में सफर कर सकेंगे।
गंढोले पर होंगे सोलर पैनल
इस प्रोजेक्ट को हरित ऊर्जा के लिए जोड़ा जाएगा। जहां पर स्टेशन स्थापित होंगे वहां भी सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे। साथ ही गंढोले (कैबिन जिसमें यात्री सफर करेंगे) पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे ताकि अधिक ऊर्जा का दोहन किया जा सके।
यहां बनेंगे स्टेशन
तारा देवी, चक्कर, टुटीकंडी पार्किंग, आइएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, आइसीआर, लक्कड़ बाजार, आइजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास रोपवे के बोर्डिंग स्टेशन चिन्हित किए गए हैं।
20 से 70 रुपये तक होगा किराया
रोपवे में सफर करना मंहगा नहीं होगा। इसका न्यूनतम किराया 20 और अधिकतम 70 रुपये तक होगा। स्थानीय लोगों व पर्यटकों के लिए किराया अलग-अलग होगा। प्रोजेक्ट बनने के बाद फाइनल किराया तय होगा।
बोलीविया में है सबसे लंबा रज्जू मार्ग
विश्व में सबसे लंबा रज्जू मार्ग बोलीविया में 32 किलोमीटर है। शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबा रज्जू मार्ग 60 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा। यूरोप के देशों में 25 हजार के करीब रज्जू मार्ग हैं। भारत में अभी तक 20 के करीब रज्जू मार्ग बने हैं। हिमाचल में रज्जू मार्ग की संख्या में वृद्धि हो रही है। बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में रोपवे बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। बगलामुखी मंदिर में रज्जू मार्ग तैयार हो चुका है, जिसका शीघ्र उद्घाटन होगा।
रज्जू मार्ग पर्यावरण हितैषी: सुंदर ठाकुर
सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि रज्जू मार्ग पर्यावरण हितैषी है। इससे जाम की समस्या दूर होगी और पर्यटन कारोबार को नए पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि कुल्लू में प्रस्तावित बिजली महादेव रज्जू मार्ग पर्यटन क्षेत्र के लिए मील पत्थर साबित होगा। इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य कर रही कंपनी को भूमि स्थानांतरित कर दी है। प्रदेश सरकार ने रज्जू मार्गों के निर्माण पर गंभीरता दिखाई है।
रज्जू मार्ग स्वच्छ व हरित राज्य बनाने में भूमिका: आरडी नजीम
प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम ने कहा कि हिमाचल को 31 मार्च 2026 तक स्वच्छ व हरित राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। रज्जू मार्ग स्वच्छ व हरित राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।शिमला में बनने वाले रज्जू मार्ग के लिए प्रदेश सरकार व न्यू डेवलपमेंट बैंक वित्तीय सहायता करेंगे। 80 प्रतिशत ऋण एनडीबी देगा और 20 प्रतिशत राशि सरकार खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि पर्वत माला प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल के लिए 15 रोपवे मांगे गए हैं।
रज्जू मार्ग से हिमाचल की पहचान: संजय
रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कारपोरेशन के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में रज्जू मार्गों के लिए सरकार विशेष तौर पर कार्य कर रही है। देश व दुनिया के हितधारकों ने हिमाचल में रुचि दिखाना शुरू कर दी है। केवल रज्जू मार्गो को पर्यटन की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि यातायात की दृष्टि से भी देखने की आवश्यकता है।
शिमला, धर्मशाला, किलाड़, नारकंडा- हाटु पीक, जाबली-कसौली, शिरगुल महादेव, पुंडरिक ऋषि मंदिर रज्जू मार्ग जिला मंडी में बनना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट जब धरातल पर आंरभ हो जाएंगे तो इनसे हिमाचल की पहचान होगी।
ये भी पढ़ें: वाराणसी में रोप-वे के दो टॉवर बनकर हुए तैयार, इस जगह बनने लगा प्लेटफॉर्म; यहां से होकर गुजरेगी लाइन