एक विदेशी, जिसका दिल हिंदुस्तानी; फर्राटेदार हिंदी बोलते हैं आस्ट्रेलिया के चार्ल्स
आस्ट्रेलिया के चार्ल्स थॉमसन भारतीय संस्कृति के कायल हैं उन्होंने न केवल यहां कि नागरिकता हासिल की है बल्कि फर्रांटेदार हिंदी भी बोलते हैं।
By Edited By: Updated: Mon, 25 Jun 2018 12:13 PM (IST)
शिमला, रविंद्र शर्मा। भारत के लोग बेशक अपनी संस्कृति और मातृ भाषा को छोड़कर पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भागें, लेकिन विदेशों में लोग भारतीय संस्कृति के कायल हैं। वे न केवल भारतीय रहन-सहन सीख रहे हैं, बल्कि भारत की मातृभाषा यानी हिंदी को भी उन्होंने अपना लिया है। 1974 में 13 साल की आयु में भारत आए आस्ट्रेलिया के चार्ल्स थॉमसन ने न केवल यहां की नागरिकता हासिल कर ली है, बल्कि वह फर्राटेदार हिंदी भी बोलते हैं।
शिमला के गेयटी थियेटर में अंतरराष्ट्रीय लिटफेस्ट में चार्ल्स थॉमसन ने हिंदी में इतनी शानदार एंकरिंग की कि वहां उपस्थित सब सोचने को मजबूर हो गए कि वह भारतवासी है या विदेशी। थॉमसन मूल रूप से आस्ट्रेलिया के हैं। अब वह भारत की सभ्यता और संस्कृति में इस कद्र रंग चुके हैं कि यहां की नागरिकता भी ले ही है और हिंदी भाषा भी सीख ली है। थॉमसन जब भारत आए थे, तब हिंदी का एक भी शब्द बोलना नहीं आता था।
'दैनिक जागरण' से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह यह देखकर दंग रह जाते हैं कि भारत के लोग हिंदी बोलने में शर्म महसूस करते हैं। वह लोगों से हिंदी में बात करते हैं और सामने वाला अंग्रेजी बोलता है। शहरों में लोग हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के शब्दों को मिलाकर बोलते हैं। यह भाषा न हिंदी होती है और न ही अंग्रेजी। अब वह भारत के कई शहरों का भ्रमण कर चुके हैं।पहले विदेशी रेडियो जॉकी बनेंगे थॉमसन
पहले विदेशी होंगे, जो भारत में रेडियो जॉकी बनने वाले हैं। जल्द ही आप उन्हें रेडियो पर हिंदी में बोलते हुए सुनेंगे। उन्होंने अभी रेडियो स्टेशन का नाम नहीं बताया। सिर्फ इतना कहा कि अभी बात चल रही है। भारत के युवाओं में गलतफहमी है कि अंग्रेजी बोलने से नौकरी जल्दी मिलेगी। अंग्रेजी अच्छी भाषा है, लेकिन उसके पीछे दौड़ने के लिए अपनी मातृभाषा को न छोड़ो।हिंदी में बात करते समय अंग्रेजी के शब्द बोलना गलत
थॉमसन ने बताते हैं कि हिंदी बोलने वालों को पता नहीं क्या हो गया। किसी भी भाषा में अंग्रेजी बीच में नहीं बोली जाती है, लेकिन यहा शहरों में लोग मातृभाषा में बात करते हुए बीच में अंग्रेजी के शब्द जरूर बोलते हैं। यह मातृभाषा का अपमान करने के बराबर है। अपनी भाषा से प्रेम करो। मातृभाषा में बहुत ताकत है इससे दूरी न बनाएं। उनके मुताबिक तमिल बोलने वाला बीच में अंग्रेजी नहीं बोलता है तो हिंदीभाषी ऐसा क्यों करते हैं?
गोरा बिहारी के नाम से प्रसिद्धचार्ल्स थॉमसन भारत में गोरा बिहारी, ऑटो वाला बाबू के नाम से फेमस हैं। हिंदी बोलने के कारण उन्हें अब कई कार्यक्रमों में एंकरिंग करने के लिए बुलाया जाने लगा है।
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