Himachal: अगर डेंटल क्लीनिक खोलने का है प्लान तो पढ़ लें ये खबर, हिमाचल सरकार ने जारी की SOP; यहां जानें योग्यता और शर्तें
Himachal हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 को अधिसूचित करने के साथ ही डेंटल क्लीनिक खोलने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। पुरुषों के लिए 22 से 45 वर्ष की आयु निर्धारित की है जबकि महिलाओं के लिए आयु में पांच वर्ष की छूट दी गई है। एसएमएस माध्यम से प्रत्येक चरण के माध्यम से आवेदक को आवेदन की ट्रैकिंग स्थिति प्रदान की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 को अधिसूचित करने के साथ ही डेंटल क्लीनिक खोलने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी एसओपी के तहत अब अपना डेंटल क्लीनिक खोलने के लिए बीडीएस व एमडीएस डिग्री होना आवश्यक है। पुरुषों के लिए 22 से 45 वर्ष की आयु निर्धारित की है, जबकि महिलाओं के लिए आयु में पांच वर्ष की छूट दी गई है।
ये योग्यता होना आवश्यक
क्लीनिक स्थापित करने के लिए एसओपी के तहत हिमाचल प्रदेश के एमडीएस/बीडीएस डेंटल सर्जन को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और स्टार्टअप देना है। इसमें पुरुषों को 40 प्रतिशत, जबकि महिलाओं को 50 प्रतिशत अनुदान का प्रविधान है। इस योजना के लिए आवेदक को निदेशक दंत सेवाओं के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन को लेकर ट्रैकिंग सिस्टम का प्रविधान किया गया है। एसएमएस के माध्यम से प्रत्येक चरण के माध्यम से आवेदक को आवेदन की ट्रैकिंग स्थिति प्रदान की जाएगी।बीडीएस या एमडीएस डिग्री जरूरी
हिमाचल मूल का होना चाहिए। किसी भी मान्यता प्राप्त डेंटल संस्थान से पांच वर्षीय बीडीएस डिग्री या किसी भी मान्यता प्राप्त डेंटल संस्थान से तीन साल की एमडीएस डिग्री होनी चाहिए। एचपी राज्य डेंटल काउंसिल के साथ पंजीकृत होना चाहिए। परिवार में केवल एक ही व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकता है। कुर्सी से लेकर सभी उपकरणों और सामान आदि के दाम निर्धारित कर दिए हैं।
राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत की एसओपी जारी
प्रदेश में डेंटल क्लीनिक खोलने के लिए पुरुषों को 22 से 45 वर्ष तक और महिलाओं को 50 वर्ष की आयु तक मिलेगा योजना का ला दंत चिकित्सा निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति गठित दंत चिकित्सा निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें संयुक्त निदेशक, सीनियर एमओ डेंटल, अधीक्षक दंत चिकित्सा निदेशालय को सदस्य बनाया गया है। दस्तावेजों में कोई विसंगति पाए जाने पर आवेदक को सूचित किया जाएगा। 15 दिन में आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। ऐसा न करने पर डीम्ड रिजेक्शन माना जाएगा। जांच समिति सभी आवेदनों का सत्यापन करेगी व पात्रों की सूची अग्रेषित करेगी। सचिव स्वास्थ्य की अध्यक्षता वाली अनुमोदन समिति अनुमोदित करेगी।यह भी पढ़ें- Himachal News: पाले की मार झेल रही फसलें, गेहूं-लहसुन समेत ये सब्जियां सूखे की चपेट में; बारिश की आस में पथराई आंखेंयह भी पढ़ें- Himachal: सीमेंट व्यवसाय में बढ़ेगा अडानी का वर्चस्व, हिमाचल-पंजाब में खरीदे दो प्लांट; इतने करोड़ रुपए में हुई डील
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