हिमाचल में क्या वाकई खरीदे गए कांग्रेस विधायक? भाजपा MLA सहित सात लोग तलब, इस शख्स पर लगा सरकार गिराने का आरोप
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में शिमला पुलिस एक्शन मोड में है। इस मामले में पूर्व विधायक आशीष चैतन्य सहित पूर्व सीएम मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी को भी बुलाया गया है। इनसे दो दिन पूछताछ होगी। इन्हें पहले भी पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है।
जागरण टीम, शिमला। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए फरवरी में हुए चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से जुड़े मामले में शिमला पुलिस ने मंगलवार और बुधवार को सात लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
इनसे बालूगंज थाने में पूछताछ की जाएगी। सात लोगों में पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा व आशीष शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी व चार अन्य लोग शामिल है।
पूछताछ के लिए पहले भी जारी किया गया था नोटिस
इन्हें पहले भी नोटिस जारी कर बालूगंज थाना बुलाया गया था लेकिन ये पेश नहीं हुए थे। ऐसे में पुलिस ने इन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया है। अगर अब भी ये लोग पूछताछ के लिए थाना में पेश नहीं होते हैं तो फिर शिमला पुलिस न्यायालय में सारी स्थिति बताएगी।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी को पुलिस ने पहले 28 मई, फिर सात जून को तलब किया था। पूर्व विधायक आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा को 13 जून को पुलिस ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।
राज्यसभा चुनाव में हुए क्रॉस वोटिंग से जुड़ा है मामला
हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों को चंडीगढ़ के होटल में ठहराया गया था। इस दौरान आरोप लगा कि इनके खाने-पीने और ठहरने के लाखों रुपये के बिल का एक फार्मा कंपनी ने भुगतान किया था।
पुलिस पूछताछ के दौरान फार्मा कंपनी ने बताया कि पैसों के भुगतान में तरुण भंडारी की भी भूमिका है इसलिए तरुण भंडारी को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। भाजपा नेता तरुण भंडारी को मिली शिमला हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है।
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हिमाचल में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने का आरोप
आरोप है कि उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार के इशारे पर हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की। हिमाचल प्रदेश में जिन कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों ने सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोला था, उसमें तरुण भंडारी की अहम भूमिका मानी जा रही थी।
हिमाचल प्रदेश में सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र रचने के आरोप में तरुण भंडारी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई थी। राज्यसभा के चुनाव में क्रास वोटिंग के मामले में भी तरुण भंडारी का नाम सामने आया था। उन्हें जांच में शामिल होने के लिए हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने कई बार बुलाया लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुए।
शिमला हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत पाने के बाद तरुण भंडारी के मंगलवार को शिमला में ही पुलिस जांच में शामिल होने की संभावना है।
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