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Himachal News: नामांकन के बाद होगी BJP विद्रोहियों की घर वापसी, हाईकमान पर टिकी नजरें; विधानसभा चुनाव में लगा था झटका

Himachal News हिमाचल प्रदेश में नामांकन के बाद भाजपा विद्रोहियों की घर वापसी होने जा रही है। पार्टी हाईकमान विद्रोहियों को लेने के लिए तय समय पर स्वीकृति देगा। पार्टी में 20 से अधिक विद्रोहियों की वापसी होनी है। इनके कारण हिमाचल में भाजपा के मिशन रिपीट को झटका लगा और उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा था। भाजपा हाईकमान अभी बड़े राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त है।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 06 Apr 2024 03:54 PM (IST)
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नामांकन के बाद होगी BJP विद्रोहियों की घर वापसी (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, शिमला। विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा का टिकट न मिलने पर विद्रोह कर निर्दलीय उतरने वालों को लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद घर वापसी का अवसर मिलेगा।

पार्टी हाईकमान विद्रोहियों को लेने के लिए तय समय पर स्वीकृति देगा। पार्टी में 20 से अधिक विद्रोहियों की वापसी होनी है। इनके कारण हिमाचल में भाजपा के मिशन रिपीट को झटका लगा और उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा था।

नामांकन पत्र दाखिल करने की ये है अंतिम तिथि

हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 मई है। मतदान एक जून को है। परिणाम चार जून को आएगा। भाजपा हाईकमान अभी बड़े राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त है। ऐसे में प्रदेश में विद्रोहियों की वापसी का मामला फिलहाल कुछ समय के लिए लटक गया है। बताया जा रहा है कि नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वापस लेने वाले नेताओं की एक सूची हिमाचल भाजपा ने तैयार की है।

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इंदु वर्मा की भी हुई घर वापसी

इसे स्वीकृति के लिए हाईकमान को भेजा गया है। हाईकमान की सहमति के बाद इन सबको पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया जाएगा। तीन दिन पहले ही शिमला जिला के ठियोग से इंदु वर्मा की घर वापसी हुई है। अब सोलन और सिरमौर जिला के विद्रोहियों के नाम सूची में हैं। इसके बाद अन्य जिलों से विद्रोहियों की घर वापसी करवाई जाएगी। प्रदेश में पहली जून को मतदान होगा।

10 सीटों पर हुआ था नुकसान

विधानसभा चुनाव में असंतुष्ट नेताओं के कारण भाजपा को 10 सीटों पर नुकसान हुआ था। पार्टी यहां चुनाव हार गई थी। कुछ नेता टिकट कटने के बाद निर्दलीय मैदान में उतर गए थे, जबकि कुछ ने पार्टी के विरुद्ध प्रचार किया था। हालांकि, उस समय भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन अधिक सफलता नहीं मिली थी। अब लोकसभा चुनाव से पहले इन नेताओं की फिर पार्टी में वापसी होगी।

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