'मेरी माटी-मेरा देश' कार्यक्रम में बोले BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, कहा- 'मिट्टी के लिए लें 5 संकल्प'
हिमाचल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के दौरान कहा कि ये एक अभियान नहीं है बल्कि ये एक जन जागरण है। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने एक चुटकी मिट्टी लेने के साथ ही धरती माता के लिए पांच तरह के संकल्प लेने की बात कही और देश के हर नागरिक से इस अभियान से जुड़ने की अपील की।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 02 Sep 2023 01:02 PM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता: शिमला में आयोजित मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने 15 अगस्त 2023 को देशभर में शुरू हुए इस अभियान को जन जागरण बताया। उन्होंने कहा कि देश के अमृतकाल में माटी का वंदन अभियान एक सार्थक और बेहद आवश्यक मुहिम है। उन्होंने कहा कि ये अभियान महज एक अभियान नहीं है, ये जन जागरण है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि भारत के इतिहास पर अगर नजर डालें तो इस धरती माता की रक्षा के लिए हर काल में लाखों-लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया है, तब जाकर भारत माता आज एक हजार साल की गुलामी के बाद भी अपनी भारतीय संस्कृति को समेटे हुए जीवित हैं। भारत वो देश है, जहां बलिदानियों की पूजा हुई है, जहां इस धरती माता के लिए मर मिटने वालों के सदा-सदा मेले लगते हैं और इस धरती का सम्मान न करने वालों को भारत का समाज कभी श्रद्धा की दृष्टि से नहीं देखता।
देश के वीर बलिदानियों से सीखें माटी की रक्षा करना
महाराणा प्रताप आज इसलिए पूजनीय है क्योंकि उन्होनें गुलामी को स्वीकार नहीं किया और भारत माता की रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर किया। गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज इसलिए पूजनीय हैं क्योकि उन्होनें धर्म की रक्षा के लिए विश्व का सबसे बड़ा बलिदान पिता का बलिदान, स्वयं का बलिदान, चारों पुत्रों का बलिदान कर दिया। सरदार भगत सिंह, राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त, अशफाक उल्ला खां, स्वतंत्र वीर सावरकर, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपतराय, रानी लक्ष्मीबाई, तांत्या टोपे, कृष्णदेव राय, छत्रसाल, रानी गाइडिल्यू, बिरसा मुंडा भगवान जैसे हजारों बलिदानियों के नाम लिए जा सकते हैं जिन्होनें इस माटी की सौगंध खाकर अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए देश की रक्षा की।
देश के कोने-कोने की मिट्टी लाकर हो अमृतवन का निर्माण
अमृतकाल की बेला में जब देश ने यह संकल्प लिया कि हमें भारत माता का खोया हुआ गौरव पुर्नस्थापित करना है और भारत को विश्व की महाशक्ति के रूप में खड़ा करना है, ऐसे समय पर माटी का वंदन समय की आवश्यकता है। देश का प्रत्येक व्यक्ति भारत माता के प्रति, भारत की माटी के प्रति अपनी श्रद्धा, अपनी भावना को अर्पित करे। वो एक चुटकी माटी करोड़ों-करोड़ों परिवारों से एकत्र होती हुई दिल्ली पहुंचे और वहां पर भावनाओं से ओत-प्रोत उस माटी से ‘‘अमृतवन’’ का निर्माण हो और एक देशभक्ति का ज्वारभाटा पूरे देश में फैले।भारत माता के आंचल की एक चुटकी मिट्टी लेने के साथ-साथ हम पांच प्रकार का संकल्प इस धरती के सामने कर रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- विकसित भारत का संकल्प।
- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति।
- हमारी विरासत पर गर्व।
- एकता और एकजुटता।
- नागरिकों का कर्तव्य।