चाय बेचने वाले इस पिता को सलाम, बेटों ने पीएचडी कर पेश की मिसाल
चाय बेचने वाले एक पिता रोशन लाल ने कड़ी मेहनत के बलबूते समाज के सामने एक मिसाल पेश की है रोशन के दाेनों बेटे पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुके हैं।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Mon, 23 Sep 2019 02:29 PM (IST)
बंगाणा, राकेश राणा। अगर जिंदगी में आगे बढ़ने का जज्बा हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती है। आपके हुनर और जज्बे को गरीबी की बेड़ियां भी अपनी जकड़ में नहीं रख सकती हैं। कुछ ऐसा ही एक चाय बेचने वाले पिता के बेटों ने कर दिखाया है। कड़ी मेहनत के बलबूते पीएचडी करके समाज को संदेश दिया है।
बंगाणा की खरयालता पंचायत के गांव बड़ोआ के रोशन लाल एक गरीब परिवार से सबंध रखते हैं। कई साल से चाय बेचकर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। रोशन लाल व उनकी पत्नी सर्वणा देवी ने एक छोटी सी चाय की दुकान चलाकर अपने दोनों बेटों को पीएचडी की डिग्री दिलाकर एक बड़े मुकाम पर पहुंचाया है। बड़े बेटे अश्वनी कुमार शर्मा ने डीपीएड, एमपीएड के बाद वर्ष 2018 में पीएचडी की।अश्वनी वॉलीबॉल टीम के राष्ट्रीय खिलाड़ी भी रह चुके हैं। वर्तमान में वॉलीबॉल टीम के एनआइएस टीम में युवाओं को वॉलीबॉल का प्रशिक्षण दे रहे हैं। केंबरेज इंटर नेशनल स्कूल दसुआ में हेड ऑफ डिपार्टमेंट स्पोट्र्स तथा जिला होशियारपुर वॉलीबॉल टीम के कोच के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके छोटे भाई डॉ. रजनीश शर्मा ने पीएचडी वर्ष 2016-17 में पूरी कर ली थी। अब महाराणा प्रताप महाविद्यालय अम्ब में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। रजनीश शर्मा और उनके बड़े भाई अश्वनी शर्मा का कहना है कि आज वे जो कुछ भी हैं माता-पिता की बदौलत हैं जिन्होंने अपनी गरीबी की परवाह न करते हुए हम दोनों भाइयों की पढ़ाई में कोई कमी न आने दी।
ईमानदारी रंग लाती है देख भी लियातलमेहड़ा में चाय की एक छोटी सी दुकान चलाने वाले रोशन लाल शर्मा तथा उनकी पत्नी ने दैनिक जागरण से दिल की बात साझा करते हुए बताया कि हम लोगों ने गरीबी देखी है। हमारे माता-पिता गरीब थे इसलिए वे हमें शुरुआती दौर में अच्छी शिक्षा चाहते हुए भी नहीं दे पा रहे थे लेकिन हम लोगों ने अपने बच्चों को पढ़ाई में कमी नहीं आने दी, हालांकि उनकी पढ़ाई के वक्त बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा परंतु आज दोनों बेटे अच्छी शिक्षा ग्रहण करके अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं। दिल को बहुत सुकून और खुशी मिली है, सुना था कि ईमानदारी से की हुई कमाई एक दिन जरूर रंग लाती है, आज देख भी लिया।
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