265 करोड़ के इस घोटाले में जल्द होगी बड़ी कार्रवाई, जानें सीबीआइ का अगला कदम
scholarship scam छात्रवृत्ति घोटाले चार्जशीट तैयार करते हुए सीबीआइ जल्दी बड़ी कार्रवाई करेगी ये चार्जशीट अगले महीने कोर्ट में दाखिल हाेगी।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Tue, 24 Sep 2019 12:51 PM (IST)
शिमला, रमेश सिंगटा। scholarship scam बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ जल्द बड़ी कार्रवाई करेगी। सीबीआइ इस मामले में 22 अलग-अलग चार्जशीट तैयार करेगी। पहली चार्जशीट ऊना के पंडोगा स्थित संस्थान के खिलाफ होगी। इसमें बैंक अधिकारी, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मी भी आरोपित बनाए जाएंगे। आरोपितों की संख्या सात से आठ तक होगी। यह चार्जशीट अगले महीने कोर्ट में दाखिल की जाएगी। इससेपहले आरोपितों की गिरफ्तारी होगी।
आरोप है कि 22 निजी संस्थानों ने करीब दो लाख मेधावी विद्यार्थियों की 265 करोड़ की छात्रवृत्तियां डकारी हैं। एसआइटी की जांच से इसका खुलासा हुआ है। जांच कार्य को अंजाम देने के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं। अब आरोपित जल्द बेनकाब होंगे। घोटालेबाजों के खिलाफ पुख्ता सुबूत एकत्र किए गए हैं।सीबीआइ जांच से पता चला है कि पंडोगा में निजी शिक्षण संस्थान ने 48 विद्यार्थियों की जाति बदल दी थी। छात्रवृत्ति डकारने के लिए इनके मूल दस्तावेज के साथ फर्जीवाड़ा किया। अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति के जाली दस्तावेज बनाए व इनमें मोबाइल फोन नंबर से लेकर संकाय तक बदल डाले। इनके मूल हस्ताक्षर पहले अपने पास ले लिए और बाद में इनका दुरुपयोग किया। ये विद्यार्थी चार साल पहले संस्थान छोड़कर चले गए थे लेकिन इनके नाम से फर्जी दाखिले दर्शाए गए। इससे छात्रवृत्ति संस्थान वसूलता रहा। जाति इसलिए बदली ताकि ज्यादा पैसा डकारा जा सके। इस खेल में शिक्षा विभाग से लेकर बैंक तक के अधिकारी संलिप्त रहे।
कहां हैं संस्थानसीबीआइ जांच के मुताबिक घोटाले को लेकर पूरा गिरोह सक्रिय रहा। इनकी सांठगांठ ऊंची पहुंच वाले रसूखदारों से रही है। हालांकि अभी किसी नेता का सीधा नाम सामने नहीं आया है। 22 निजी शिक्षण संस्थान हिमाचल, पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के हैं। इनमें वर्ष 2013 से 2017 तक फर्जी दाखिले दर्शाए गए जबकि अधिकांश बच्चे वहां पढ़ाई नहीं करते थे। पंडोगा के बाद अगले संस्थान पर जांच केंद्रित होगी।
क्या है छात्रवृत्ति घोटाला2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को 210.05 करोड़ रुपये और 18682 सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को मात्र 56.35 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति के दिए गए। आरोप है कि कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार छात्रवृत्ति की मोटी रकम हड़प ली। जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति ही नहीं मिल पाई। ऐसे ही एक छात्र की शिकायत पर इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठा। शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए।
इनमें गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में हुई है। इस छात्रवृत्ति में कुल 260 करोड़ 31 लाख 31,715 रुपये दिए गए हैं। छात्रवृत्ति की जो राशि प्रदेश के विद्यार्थियों को मिलनी थी, उसे देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में गलत तरीके से बांटे जाने का आरोप है। हिमाचल की अन्य खबरें पढऩे के लिए यहां क्लिक करें Bank strike postponed: आम आदमी के लिए राहत भरी खबर, बैंक यूनियनों की हड़ताल टली
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