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Shimla Traffic rules: चालानों से सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी, हादसों के कारण होने वाली मौतें 30 प्रतिशत तक घटी

शिमला पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सड़क यातायात उल्लंघन को रोकने में चालान ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चालान के कारण पिछले पांच वर्षों में शिमला जिले में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 23 Jan 2023 04:31 PM (IST)
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चालान के कारण सड़क हादसों में आई कमी
शिमला, एजेंसी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सड़क यातायात उल्लंघन को रोकने में चालान ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चालान के कारण पिछले पांच वर्षों में शिमला जिले में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

पिछले वर्ष 354 सड़क दुर्घटनाओं में कुल 167 लोगों ने जान गवाई, जबकि 2018 में 526 दुर्घटनाओं में 245 लोगों की मौत हुई। पुलिस विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष में जारी किए गए चालानों की संख्या में 30.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अपनाई प्रभावी सड़क सुरक्षा नीति 

शिमला की एसपी मोनिका भुटुंगरू ने कहा कि प्रभावी चालान के अलावा शिमला की एसपी मोनिका भुटुंगरू ने कहा कि प्रभावी चालान के अलावा, कानून प्रवर्तन और सड़क दुर्घटना डेटा प्रबंधन प्रणाली के डेटा के विश्लेषण के आधार पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई, यातायात प्रबंधन प्रणाली और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के चलते सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई।

उन्होंने आगे कही कि हमने नशे में ड्राइविंग, ओवर स्पीडिंग और मोबाइल पर बात करने हुए ड्राइविंग के लिए चालान करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके कारण आदतन अपराधियों के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया।

तैयार किया गया रोड मैप

सेब के मौसम में शिमला में भारी भीड़ देखने को मिलती है साथ ही बर्फीले क्षेत्रों में वाहनों के फिसलने जैसी दुर्घटनाओं में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए एक रोड मैप तैयार किया गया था और पहले से ही उपचारात्मक उपाय किए गए थे।

सड़क नियमों में सख्ती के दौरान सबसे अधिक 1,83,612 चालान जारी किए गए जिनमें से नशे में ड्राइविंग (3,448), वाहन चलाते समय समय मोबाइल का उपयोग करना (5159) और ओवर स्पीडिंग (586)। 2022 में एमवी अधिनियम के तहत जारी किए गए कुल चालानों का पांच प्रतिशत है।

लिंक सड़कों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि 2022 में दुर्घटनाओं की संख्या घटकर 354 हो गई (कोविड वर्षों सहित पिछले 10 वर्षों में सबसे कम) और 2021 में मौतों की संख्या 189 थी जो 2022 में घटकर 167 हो गई। अधिकतम दुर्घटनाएं लिंक सड़कों पर देखी गईं, उसके बाद राज्य राजमार्गों, राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों पर।

लगभग 50 प्रतिशत दुर्घटनाओं में मोटर और कारें शामिल थीं। उन्होंने आगे कहा कि चोट को कम करने वाले सुरक्षा उपायों की अनदेखी करने, गलती को दोहराने वाले अपराधियों का एमवी एक्ट के तहत चालान किया गया था।

पुलिस स्टेशनों में बढ़ाए गए वाहन

जिले को 20 पुलिस स्टेशनों में विभाजित किया गया है। वर्तमान में, प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक वाहन और दो मोटरसाइकिल हैं। प्रत्येक पुलिस स्टेशन का भौगोलिक क्षेत्र बहुत बड़ा होने के कारण 2022 में सड़क सुरक्षा और बचाव कार्यों के लिए समर्पित दस नए वाहन तैनात किए गए थे।

शिमला पुलिस ने जिले में 40 ब्लैक स्पॉट की भी पहचान की थी और लोक निर्माण विभाग को जिले के दस सबसे संवेदनशील ब्लैक स्पॉट सुधार कार्य करने के लिए पत्र भी लिखा था।

रोल डाउन दुर्घटनाएं सबसे अधिक

पिछले दस वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, शिमला जिले में हर साल 442 दुर्घटनाओं में औसतन 195 लोगों की मौत होती है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में रोल डाउन दुर्घटनाएं (दुर्घटनाएं जिनमें वाहन सड़क से नीचे गिर जाता है) होने का खतरा अधिक बना रहता है।

इससे पहले, सड़क सुरक्षा पर बोलते हुए, डीजीपी संजय कुंडू ने कहा था कि दुर्घटनाओं को कम करना और जीवन को बचाना पुलिस की प्राथमिकता है। पुलिस के विश्लेषण आधारित संसाधनों के बेहतर उपयोग के कारण वाहनों की संख्या में वृद्धि के बावजूद दुर्घटनाओं में कमी आई है।

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