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इंतजार खत्म... कल तक हल्के वाहनों के लिए खुल जाएगा चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे, यहां जानिए पूरी डिटेल

चंडीगढ़-शिमला हाईवे अभी भी पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ है। लगातार हो रहा भूस्खलन मरम्मत में लगी कंपनी के आड़े आ रहा है। हालांकि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने दावा किया है कि सोमवार दोपहर तक राष्ट्रीय राजमार्ग को हल्के वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। ग्रिल कंपनी के अधिकारी बलविंदर सिंह ने बताया कि सोमवार दोपहर तक एनएच हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 06 Aug 2023 05:50 PM (IST)
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कल तक हल्के वाहनों के लिए खुल जाएगा चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे, यहां जानिए पूरी डिटेल
सोलन, संवाद सहयोगी। Chandigarh Shimla Highway Status चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे को चक्की मोड़ के पास बहाल करने के लिए फोरलेन निर्माता कंपनी को काफी मशक्तों का सामना करना पड़ रहा है। जब भी नेशनल हाईवे पर ट्रैक बनकर तैयार होता है, उतने में पहाड़ से फिर भूस्खलन हो जाता है और मेहनत पर पानी फिर जाता है।

निर्माण कर रही ग्रिल कंपनी को उम्मीद थी कि रविवार को दोपहर तक हल्के वाहनों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग को खोल दिया जाएगा। लेकिन सुबह हुए भूस्खलन से उनकी उम्मीद खत्म हो गई। मौके पर चार जेसीबी लगाकर बहाल करने के प्रयास लगातार जारी है।

कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सोमवार दोपहर तक इसको हल्के वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, रविवार को मौसम साफ होने व सूरज निकलने से काम करने में आसानी रही। ग्रिल कंपनी के अधिकारी बलविंदर सिंह ने बताया कि सोमवार दोपहर तक एनएच हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।

खाई को मिट्टी से भरा जा रहा

चक्की मोड़ पर जिस जगह राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है, वहां 50 मीटर से अधिक क्षेत्र में फोरलेन का नामो-निशान तक मिट गया है। उस जगह से ठीक नीचे कौशल्या नदी बह रही है। खाई को मिट्टी से भरने के लिए डंपर में मिट्टी भरकर उसमें गिराई जा रही है। लेकिन खाई एक ढांक में तबदील होने से वहां पर सतह नहीं बन पा रही है। एनएच को बहाल करने के लिए दिन रात कार्य जारी है।

एचआरटीसी की बसें दोनों ओर उपलब्ध

चक्की मोड़ में एनएच क्षतिग्रस्त होने से वहां वाहनों की आवाजाही बंद है, ऐसे में वहां के लोगों को सोलन, शिमला और परवाणू, चंडीगढ़ के लिए आवाजाही के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परवाणू के उद्योगों में नौकरी करने जाने वालों को कई दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा था। टैक्सियों में भारी भरकम किराये के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा था। इस वजह से एचआरटीसी की बसों को सड़क के दोनों ओर लगाया गया है।

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