मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना: विधवा महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार, मुख्यमंत्री के सलाहकार बोले- सरकार तैयार कर रही योजना
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना सुखाश्रय योजना के बाद प्रदेश सरकार एक और बड़ी घोषणा करेगी। विधवा महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। केंद्र से विशेष पैकेज की मांग की लेकिन रूटीन ग्रांट के अतिरिक्त एक भी पैसा नहीं मिला। विपक्ष इस पर राजनीति करने में लगा रहा। बेघर परिवार को एक लाख से सात लाख रुपये तक मुआवजा दिया गया।
जागरण संवाददाता, शिमला। सुखाश्रय योजना के बाद प्रदेश सरकार एक और बड़ी घोषणा करेगी। विधवा महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने पत्रकारों से कहा कि सरकार इसके लिए योजना तैयार कर रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा का सामना हिमाचल ने किया।
बेघर परिवार को एक लाख से सात लाख तक का मिलेगा मुआवजा
केंद्र से विशेष पैकेज की मांग की, लेकिन रूटीन ग्रांट के अतिरिक्त एक भी पैसा नहीं मिला। विपक्ष इस पर राजनीति करने में लगा रहा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के बावजूद प्रभावित लोगों के लिए अपने संसाधनों से विशेष राहत पैकेज जारी किया। उन्होंने भाजपा के विधायकों से पूछा कि वे विशेष पैकेज के लिए लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में थे या नहीं। यह उत्तर प्रदेश की जनता लोकसभा चुनाव में अवश्य पूछेगी। इसके अंतर्गत बेघर परिवार को एक लाख से सात लाख रुपये तक मुआवजा दिया गया।
क्या है सुखाश्रय योजना
सुखाश्रय योजना के तहत बाल-बालिका आश्रमों में रह रहे बच्चों की प्राथमिक से उच्च शिक्षा आश्रम में ही देने, उनकी देखरेख व शादी, पॉकेट मनी, घूमने-फिरने का खर्च, भूमिहीन को मकान के लिए तीन बिस्वा जमीन इत्यादि देने का प्रविधान है। इन सभी को एक्ट के दायरे में लाने की योजना है।यह भी पढ़ें- Shimla Planning Area में बहुमंजिला इमारतों पर सुप्रीम मुहर, शहर के कोर व ग्रीन एरिया में निर्णाण पर लगा प्रतिबंध भी हटा
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