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गजब! मुख्यमंत्री के लिए आई मिठाइयां चट कर गए CID अधिकारी, इंक्वायरी बैठी तो हुआ खुलासा

शिमला के एक बड़े होटल से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए मंगाई गई खाने-पीने की वस्तुओं को राज्य गुप्तचर विभाग (CID) के अधिकारियों ने खुद के लिए परोस लिया। जांच में खुलासा हुआ कि सीआईडी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के लिए परोसे जाने वाले जलपान के मैन्यू में शामिल नहीं होने के कारण इन वस्तुओं को खुद के लिए परोस लिया।

By Rohit Sharma Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Thu, 07 Nov 2024 07:39 PM (IST)
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मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए मंगाई गई खाने-पीने की वस्तुओं को चट कर गए सीआईडी अधिकारी। प्रतिकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, शिमला। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए शिमला के एक बड़े होटल से मंगाया गई खाने-पीने की वस्तुएं राज्य गुप्तचर विभाग यानि सीआईडी के अधिकारियों ने खुद के लिए परोस दी।

राज्य गुप्तचार विभाग के मुख्यालय में 21 अक्तूबर को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को परोसनें के लिए राज्य गुप्तचार विभाग ने शहर के एक नामी होटल से खानी-पीने की वस्तुएं रिफ्रेशमेंट के लिए मंगाई, लेकिन कार्यक्रम के दौरान यह वस्तुएं मुख्यमंत्री को परोसी ही नहीं गई।

जांच में हुआ खुलासा

बाद में सीआईडी के महानिरीक्षक ने विभाग के डिप्टी एसपी की अध्यक्षता में एक जांच बिठाई। डिप्टी एसी की जांच में खुलासा हुआ कि यह खाने-पीने की वस्तुएं सीआईडी के अधिकारियों ने खुद के लिए ही परोस दी।

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डिप्टी एसपी राज्य गुप्तचर विभाग ने पुलिस महानिरीक्षक राज्य गुप्तचर विभाग को इस बारे में जांच रिपोर्ट सौंप दी है। ऐसे में अब पुलिस महानिरीक्षक की ओर से इस मसले में अब दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। बताया रहा है कि शहर के एक नामी होटल से रिफ्रेशमेंट के लिए खाने-पीने की वस्तुओं के लिए 3 बाक्स मंगाए गए थे।

खुद ही खा गए अधिकारी

वहीं, रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि मुख्यमंत्री के लिए परोसे जाने वाले जलपान के मैन्यू में होटल से मंगाई गई यह चीजें शामिल नहीं थी। इसके कारण मुख्यमंत्री के लिए इन वस्तुओं को नहीं परोसा गया। इसके बाद में अधिकारियों ने खुद के लिए ही इन्हें परोस दिया।

बस अड्डों से कचरा नहीं उठने पर चालक परिचालक परेशान

वहीं, एक और खबर की बात करें तो शिमला अड्डे पर फैले कचरे को उठाने के शिमला शहर निजी बस चालक परिचालकों को अपनी जेब से पैसे देने पड़ रहे हैं। यह आरोप शिमला सिटी निजी बस चालक व परिचालक यूनियन ने लगाया है।

उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला के सफई कर्मचारी बस अड्डे से कूड़ा नहीं उठा रहे हैं। नगर निगम शिमला की इस कार्यप्रणाली पर शिमला सिटी निजी बस चालक परिचालक यूनियन ने सवाल उठाए है। यूनियन के प्रधान रूप लाल ठाकुर , महासचिव अखिल गुप्ता व चालक पंकज ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि नगर निगम की ओर से संजौली में दुकानें बनाई गई है।

कूड़ा उठाने के लिए कर्मचारियों से मांगते हैं पैसे

वहीं, इन दुकानों के नीचे निजी बस स्टॉप है, जहां से आईजीएमसी लक्कड़ बाजार व शिमला ओल्ड बस स्टैंड को बसें चलती हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी 7 से 10 दिनों के बीच इक्कठे हुए कूड़ा उठाने के 500 रुपये मांगते हैं जो उन्हें कूड़ा उठाने के मजबूरन देने पड़ रहे हैं।

यूनियन पदाधिकारियों प्रशासन की इस कार्यप्रणाली पर रोष प्रकट किया और जिला प्रशासन व सरकार से मांग की है कि बस स्टॉप से कूड़ा उठाने की व्यवस्था की जाए ताकि बस स्टाप साफ सूथरा बना रहे।

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