सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर बोला हमला, कहा- भाजपा ने ऐसी सरकार चलाई प्रदेश को पीछे कर व्यवस्था बिगाड़ दी
प्रदेश के सीएम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में ऐसी सरकार चलाई कि प्रदेश को पीछे कर व्यवस्था बिगाड़ दी। इसे अब ठीक करने की कोशिश की जा रही है। सीएम ने भाजपा के समय राज्य कर्मचारी चयन आयोग में हुई भर्तियों में धांधलियां पर भी सवाल खड़े किए।
By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Wed, 04 Oct 2023 09:44 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, शिमला। CM Sukhu On BJP प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में ऐसी सरकार चलाई कि प्रदेश को पीछे कर व्यवस्था बिगाड़ दी। इसे अब ठीक करने की कोशिश की जा रही है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कही।
भाजपा के समय राज्य कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों में हुई धांधलियां
सीएम ने आगे कहा कि भाजपा के समय राज्य कर्मचारी चयन आयोग में भर्तियों में धांधलियां हुई। उसे भंग करना पड़ा, परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा। इस संबंध में 65 आरोपितों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। जांच की जा रही है और जिसकी भी भागीदारी पाई जाएगी उसे बख्शा नहीं जाएगा। कोरोना के समय आउटसॉर्स पर रखे कर्मियों को लेकर कानूनविदों से राय लेकर समायोजन पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय भर्ती कोरोना आउटसोर्स कर्मियों को लेकर उन्हें कोई नीति नहीं मिली है।
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लटकी भर्तियां दुबारा की जाएंगी
सरकार कानून के दायरे में रह कर काम करेगी। जैसी गलती हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से हुई थी, ऐसी प्रदेश सरकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को एक गलती की वजह से दस साल सजा काटनी पड़ी। लिहाजा सरकार कानून के दायरे में रह कर ही काम करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ लटकी भर्तियों को करवाने के लिए कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने के बाद अब हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग का गठन किया गया है।
1844 कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया
इसके माध्यम से पारदर्शिता से भर्तियों को करवाया जाएगा। मेरिट के आधार पर योग्य का चयन हो इस उद्देश्य से इस आयोग का गठन किया गया है। इन मामलों की जांच में कोई राजनीतिक संबंध पाए जाने पर सुक्खू ने कहा कि इस संबंध में जांच की जा रही है।
गौर हो कि प्रदेश में कोविड काल में अस्पतालों व स्वास्थ्य विभाग में आउट सोर्स पर तैनात 1844 कर्मियों को बीते 30 सितंबर को नौकरी से हटा दिया गया है। इसके अलावा आईजीएमसी से भी 34 सुरक्षा कर्मियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं।ये भी पढ़ें:- विश्वकप मैच से पहले धर्मशाला में माहौल बिगाड़ने की कोशिश, दीवार पर लिखा ‘खालिस्तान जिंदाबाद’
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