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Himachal: सीएम सुक्खू ने अमित शाह के सामने उठाई आपदा से निपटने के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग, कही ये बात

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप बीबीएमबी से बकाया लगभग 4000 करोड़ रुपये अविलंब दिलवाएं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश से राज्य में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज उपलब्ध करवाया जाए।

By Parkash BhardwajEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 27 Sep 2023 04:00 AM (IST)
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सीएम सुक्खू ने केंद्र से आपदा प्रभावित हिमाचल को विशेष राहत पैकेज प्रदान करने की मांग

शिमला, राज्य ब्यूरो: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप बीबीएमबी से बकाया लगभग 4000 करोड़ रुपये अविलंब दिलवाएं। पड़ोसी राज्यों के साथ सीमा विवाद सहित हिमाचल के हितों से संबंधित विभिन्न मामलों को त्वरित सुलझाया जाए और आपदा से प्रभावित हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज उपलब्ध करवाया जाए।

सीएम सुक्खू ने किया संबोधित

मुख्यमंत्री आज अमृतसर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की परियोजनाओं में हिमाचल की 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी के दृष्टिगत प्रदेश को बीबीएमबी निदेशक मंडल में पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा प्रदान किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल के लिए 12 प्रतिशत निःशुल्क ऊर्जा रायल्टी प्रदान करने तथा राष्ट्रीय जल विद्युत निगम, राष्ट्रीय ताप ऊर्जा निगम और सतलुज जल विद्युत निगम जैसे केंद्रीय उपक्रमों की जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की वर्तमान 12 प्रतिशत रॉयल्टी को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का आग्रह किया।

भारी बारिश से राज्य में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश से राज्य में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इस अकल्पनीय आपदा में 441 से अधिक लोग काल का ग्रास बन गए और लगभग 13000 घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के सहयोग से तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। प्रभावितों के लिए आपदा राहत कोष-2023 स्थापित किया गया। ऐसी आपदा के समय देश के प्रत्येक राज्य को राहत राशि प्रदान करने में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जाए ताकि हिमाचल के पुनर्निर्माण में उचित सहायता प्राप्त हो सके। राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर आपदा राहत कोष के प्रचलित मानदंड वर्तमान में हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं, इन मानदंडों में व्यवहारिक संशोधन की मांग भी की। उन्होंने आपदा राहत कोष में सहायता के लिए हरियाणा एवं राजस्थान सरकार का आभार भी व्यक्त किया।

लीज समाप्त होने पर शानन प्रोजेक्ट हिमाचल को सौंपने में पंजाब का सहयोग मांगा

उन्होंने हिमाचल में स्थापित 100 मेगावाट की शानन जलविद्युत परियोजना को मार्च, 2024 में लीज की अवधि समाप्त होने पर हिमाचल को सौंपने में पंजाब सरकार से सहयोग मांगा। इस विषय में केंद्र सरकार से भी आग्रह किया गया है। राष्ट्र निर्माण में हिमाचल ने सदैव अपना पूर्ण योगदान दिया है और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से राज्य के लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।

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आपदा के समय पौंग बांध, पंडोह डैम और पार्वती-3 बांध से तबाही मची

प्रदेश में स्थापित विभिन्न बांध प्रबंधनों द्वारा जल छोड़ने से पहले उचित पूर्व चेतावनी प्रणाली का उपयोग करने और जलप्लावन मान चित्रण करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रदेश में हाल ही में आपदा के समय पौंग बांध, पंडोह डैम और पार्वती-3 बांध से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ने से व्यापक स्तर पर तबाही हुई है। इस नुकसान की भरपाई करना और पुनर्वास कार्यों में स्वेच्छा से सहभागिता सुनिश्चित बनाना इन बांध प्रबंधनों का नैतिक उत्तरदायित्व है।

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हिमाचल और लद्दाख के मध्य सीमा विवाद लंबित

सीएण सुक्खू ने बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ सीमा विवादों को शीघ्र सुलझाने की केंद्रीय गृह मंत्री से मांग की। उन्होंने कहा कि मोहाल ठेका धार पधरी में प्रदेश के जिला चंबा और जम्मू-कश्मीर तथा सरचू में हिमाचल और लद्दाख के मध्य सीमा विवाद लंबित हैं।

ये हुए शामिल

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रशासित चंढीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रशासित लद्दाख के उप-राज्यपाल बीडी मिश्रा सहित अन्य सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा सहित अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।