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Himachal News: 'अनाथ बच्चों को अपनाने के लिए आगे आए समाज का सम्पन्न वर्ग', सीएम सुक्खू ने किया आग्रह

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश सरकार ने अनाथ व असहाय वर्गों के दर्द को समझा और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरंभ की है। प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों की अब प्रदेश सरकार ही माता सरकार ही पिता है और इन्हें ‘चिल्ड्रन आफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 19 Jan 2024 05:08 AM (IST)
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अनाथ बच्चों को अपनाने के लिए आगे आए समाज का सम्पन्न वर्ग- सीएम सुक्खू

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री एवं हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार सायं ओक ओवर, शिमला में शिशु गृह टूटी कंडी शिमला में पल रही अनाथ बेटी ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ ज्योति (काल्पनिक नाम) का उसके भावी माता-पिता को दत्तक ग्रहण करवाया। उन्होंने ज्योति के भावी माता-पिता को बधाई दी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज के समृद्ध लोगों से अपील की कि वे शिशु गृह व आश्रमों में पल रहे अनाथ किशोर बच्चों को अपनाने (दत्तक ग्रहण) के लिए आगे आएं ताकि इन बच्चों का सुखद व उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

अनाथ बच्चों की अब प्रदेश सरकार ही माता

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश सरकार ने अनाथ व असहाय वर्गों के दर्द को समझा और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरंभ की है। प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों की अब प्रदेश सरकार ही माता, सरकार ही पिता है और इन्हें ‘चिल्ड्रन आफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है।

अनाथ बच्चों व बेसहारा वर्गों के लिए कानून के तहत योजना बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। इन्हें अब तक लगभग 18 करोड रुपये के लाभ दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष प्रदेश सरकार के इन प्रयासों की दिशा में एक और सार्थक पहल है।

मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों ने भी अंशदान किया

इसमें प्रदेशवासियों से बहुमूल्य योगदान मिला है, मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों ने भी अंशदान किया है। अनाथ बच्चों के रहन-सहन, शिक्षा से लेकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने में यह कोष सहायक बना है। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, निदेशक महिला एवं बाल विकास रूपाली ठाकुर तथा हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद के महासचिव मोहन दत्त शर्मा उपस्थित थे।

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